मेरठ में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही! बच्चे के आंख के पास लगी थी चोट...टांके की जगह घाव पर लगा दिया फेविक्विक! CMO ने बैठाई जांच

Meerut News: मेरठ से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. आरोप है कि यहां एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे की आंख के पास लगी चोट पर टांके लगाने के बजाय फेविक्विक चिपका दिया. इससे बच्चा रातभर दर्द से तड़पता रहा. मामला सामने आने के बाद सीएमओ ने जांच समिति गठित कर दी है और पूरे अस्पताल की योग्यता व मानकों की जांच का आदेश दे दिया है.

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उस्मान चौधरी

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Meerut Crime News: उत्तर प्रदेश से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. यहां एक डॉक्टर की लापरवाही के चलते बच्चे की आंख बाल बाल बीच. आरोप है कि यहां एक निजी अस्पताल में बच्चे कि आंखे के पास लगी चाेट पर टांके लगाने की बजाया फेविक्विक से घाव चिपका दिया. बच्चे के पिता का कहना कि इससे बच्चा पूरी रात दर्द से कहराता रहा. अगले दिन बच्चे के माता पिता बच्चे को दूसरे अस्पताल में लेकर गए. यहां डॉक्टरों को फेविक्विक छुड़ाने में उन्हें करीब तीन घंटे लग गए. मामला सामने आने के बाद अब सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने एक जांच समिति गठन किया है. इसके साथ ही अस्पताल में मौजूद डॉक्टर योग्यता की भी जांच की जा रही है.

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बता दें कि ये हैरान करने वाला मामला मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन के मेपल्स हाइट का है. यहां फाइनेंसर सरदार जसपिंदर सिंह का बेटा मनराज शाम को घर पर खेल रहा था. इस दौरान खेलते खेलते वो अचानक टेबल के एक कोने से टकरा गया और उसकी आंख के पास चाेट लग गई. इससे बच्चे के घाव से खून निकलने लगा. बच्चे को रोता देख परिजन घबरा गए. वे तुरंत इलाज के लिए उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर गए. लेकिन यहां उनकी मुश्किलें और बढ़ गई. पिता ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल में डॉक्टर ने न तो घाव ठीक से देखा और न ही उसे ठीक से साफ किया और उल्टा उसपर फेविक्विक लगा दिया.

घाव के कटे वाले जगह चिपका दिया फेविक्विक -पिता

बच्चे के पिता जसपिंदर सिंह ने बताया कि डॉक्टर ने टांके लगाने की बजाय पांच रुपये वाला फेविक्विक मांगवाया. परिजन डॉक्टर पर भरोसा करते हुए फेविक्विक ले आए. पिता ने आरोप लगाया कि इसके बाद डॉक्टर ने घाव के कटे वाले जगह को फेविक्विक से चिपका दिया. जसपिंदर सिंह ने बताया कि इसके बाद बच्चे की चोट का दर्द और बढ़ गया और रोने लगा. लेकिन डॉक्टर कहता रहा हि बच्चा घबराया हुआ है और थोड़ी बाद दर्द कम होगा तो वो शांत हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पूरी रात बच्चा दर्द से राेता रहा. ऐसे में बच्च टेंशन हाेने लगी.

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सुबह होते ही ले गए दूसरे हॉस्पिटल

सुबह होते ही माता पिता बच्चों को लोकप्रिय अस्पताल लेकर गए. यहां उन्होंने डॉक्टर को चोट पर फेविक्विक लगा देने वाली बात बताई तो डॉक्टर भी ये सुनकर हैरान रह गए. उन्होंने तुरंत बच्चे का इलाज शुरू किया. इस दौरान बच्चे की चोट से फेविक्विक हटाने में उन्हें लगभग तीन घंटे लग गए. फेविक्विक हटा तो चोट का घाव सामने आ गया. इसके बाद डॉक्टरों ने इस पर चार टांके लगाए. लोकप्रिय अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना था कि अगर फेविक्विक की एक भी बूंद आंख में चली जाती तो मामला खतरनाक हो सकती था. इससे बच्चे के आंख की रोशनी तक प्रभावित हो सकती थी. वहीं, बच्चे के पिता जसपिंदर सिंह ने कहा कि हम समझ ही नहीं पाए कि काेई डॉक्टर इतना गैर-जिम्मेदार कैसे हो सकता है. जिसे घाव पर उसे टांके लगाने चाहिए थे उसपर उसने फेविक्विक लगा दी.

हॉस्पिटल के खिलाफ जांच के आदेश

वहीं, मामले को गंभीरता से लेते हुए मेरठ के सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने इस पर अब जांच बैठा दी है. उन्होंने कहा कि ये बेहद संवेदनशील और चिंता पैदा करने वाली घटना है. सीएमओ ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है. रिपोर्ट आने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी. सीएमओ कार्यालय ने बताया कि समिति प्राइवेट अस्पताल में मौजूद डॉक्टर की एजुकेशनल डिटेल, हॉस्पिटल में मिलने वाली सुविधाएं, योग्यता और मानकों की भी जांच की जा रही है.

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