नेहा सिंह राठौर ने फरार और गिरफ्तारी मुद्दे पर खुद दिया जवाब, पीएम को घेरते हुए कहा-'...मैं देश में तानाशाही नहीं आने दूंगी'

Neha Singh Rathore controversy: लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने अपने खिलाफ दर्ज FIR, कथित ‘फरार’ होने की खबरों और पीएम मोदी पर टिप्पणी को लेकर बड़ा बयान दिया है. लखनऊ और वाराणसी पुलिस की कार्रवाई के बीच नेहा ने कहा कि न तो वह फरार हैं और न ही उनके घर कोई नोटिस मिला है. विस्तार से समझिए पूरा विवाद और नेहा सिंह का रिएक्शन.

Neha Singh Rathore controversy
नेहा सिंह राठौर ने दिया फरार होने की बात पर दिया जवाब

सौरव कुमार

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उत्तर प्रदेश की मशहूर लोक गायिका नेहा सिंह राठौर अक्सर सरकार पर सवाल उठाती है और लोग उन्हें खूब ट्रोल भी करते हैं. इसी बीच खबरें आने लगी की नेहा सिंह राठौर फरार हो गई है. दरअसल जब वाराणसी और लखनऊ पुलिस की टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए लखनऊ स्थित फ्लैट पर पहुंची थी, तब उसके सामने ताला लटका हुआ मिला था. तब पुलिस ने घर के गेट पर नोटिस चस्पा कर दिया और वापस चली गई थी. नेहा सिंह  पर पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद उनपर 500 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गई थी. लेकिन इसी सब के बीच अब नेहा सिंह राठौर खुद सामने आई है और उन्होंने कहा है कि, 'मैं फरार नहीं हुई हूं'. आइए विस्तार से जानते हैं पूरा मामला और नेहा सिंह ने क्या-कुछ कहा है.

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नेहा सिंह राठौर का विवादित बयान

दरअसल 12 मई को पहलगाम हमले के बाद नेहा सिंह राठौर ने एक गीत गाया था, जिसके बोल को लेकर बवाल मचा हुआ था. नेहा सिंह ने गाने में कहा कि, 

'चौकीदरवा कायर बा...बेटियां किसानन खातिर बनल जनरल डायर बा....जाने कौना सड़क पर कइले इ सीजफायर बा, इंडिया-पाकिस्तान के बीच अमेरिका अंपायर बा'

इस गाने को लेकर आरोप लगाया कि पीएम मोदी को नेहा ने जनरल डायर कहा है. फिर 20 मई को नेहा सिंह राठौर के खिलाफ वाराणसी कमिश्नरेट के 3 जोन के 15 थानों में 500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई. अकेले एक ही लंका थाने में 318 शिकायतें मिली है.

दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने का आरोप

22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भी नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई पोस्ट कर सरकार पर सीधे सवाल उठाए थे. इन पोस्टों से दुखी होकर अभय प्रताप सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में नेहा के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. अभय ने अपने शिकायत में लिखा था कि नेहा का पोस्ट दो समुदाय के बीच नफरत फैलाने का काम कर रहा है. साथ ही इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और अशांति फैलाने के लिए की गई है. इस FIR के खिलाफ नेहा हाईकोर्ट पहुंची थी लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी.

लखनऊ आवास पर पहुंची पुलिस 

इन्हीं मामलों को लेकर लखनऊ और वाराणसी पुलिस सोमवार को उनके लखनऊ स्थित सुशांत गोल्फ सिटी के सेलिब्रिटी गार्डन्स अपार्टमेंट पहुंची थी, लेकिन वह मौके पर नहीं मिली. तब पुलिस ने उनके फ्लैट के बाहर ही नोटिस चस्पा किया. मिल रही जानकारी के मुताबिक लखनऊ पुलिस नेहा सिंह का बयान दर्ज करने के लिए उनसे लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रही है.

नेहा सिंह राठौर का आया जवाब

नेहा सिंह राठौर ने बीते कल यानी 26 नवंबर की रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि, 'अभी तक न मुझे किसी तरह का नोटिस दिया गया है न मेरे घर पुलिस आई है…न मैं फरार हुई हूं न गिरफ्तार हुई हूं.'

वहीं नेहा सिंह राठौर ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि, 

'दरअसल वो गीत नहीं था. मेरा एक स्टेटमेंट था. पहलगाम में जो हमला हुआ था उसमें बहुत सारे लोग मारे गए थे, तो मैंने प्रधानमंत्री जी को टैग करते हुए X पर एक सवाल पूछ लिया था कि इतने सारे सैलानियों के लिए, इतने सारे पर्यटकों के लिए वहां पे सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं थी? इसका जिम्मेदारी कौन लेगा? तो जगह-जगह पर मेरे खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई, लंका थाने में तो शायद 300 या 400 शिकायतें भी दर्ज कराई गई थी और एक एफआईआर हजरतगंज थाने में भी.'

उन्होंने आगे कहा पुलिस द्वारा नोटिस चस्पा करने के मामले में कहा कि, मुझे पुलिस की तरफ से ना हजरतगंज थाने की तरफ से ना लंका थाने की तरफ से अब तक कोई नोटिस मुझे मिला नहीं है. रही बात मेरे दरवाजे पर नोटिस चसपा करने की तो आप कैमरा खोलिए, चलिए मेरे घर पर... मैं यहीं गोलफ सिटी में ही रहती हूं. तो जाकर के देख लीजिए कि क्या कोई नोटिस है वहां पर या नहीं है. मुझ मुझे किसी ने नोटिस नहीं दिया है, ये सब झूठ बात है. 

'...मैं देश में तानाशाही नहीं आने दूंगी'- नेहा सिंह राठौर

नेहा सिंह राठौर ने ANI को दिए इंटरव्यू को खुद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर करते हुए एक बार फिर पीएम पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा कि, 'पार्टी सरकार नहीं है…सरकार देश नहीं है…प्रधानमंत्री सवालों से परे नहीं हैं. देश की सरकार और प्रधानमंत्री से सवाल पूछने का अधिकार लोकतंत्र की बुनियादी शर्त है. इस अधिकार के खत्म होने को ही तानाशाही कहते हैं…और मैं देश में तानाशाही नहीं आने दूंगी.'

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