मेरठ के शादाब का '₹10 वाला बिस्किट कितने का' हुआ हिट? सिंगर बादशाह, क्रिकेटर रिंकू यादव भी हुए फैन?

मेरठ के शादाब जकाती का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिसमें उनका देहाती अंदाज लोगों को खूब पसंद आया। शादाब ने अपने संघर्ष और मजाक उड़ाए जाने की बातें याद कर भावुक होकर अपनी सफलता की कहानी साझा की.

शादाब
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उस्मान चौधरी

23 Sep 2025 (अपडेटेड: 23 Sep 2025, 04:21 PM)

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मेरठ के इंचौली गांव के शादाब जकाती का एक छोटा सा वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.  इस वायरल वीडियो में शादाब एक किराना दुकान पर जाकर पूछते हैं, "10 रुपये के बिस्कुट का पैकेट कितने का है जी?" उनकी ये बात और देहाती स्टाइल का बोलना लोगों को इतना ज्यादा पसंद आ रहा है कि सोल मीडिया पर इस वीडियो को न सिर्फ जमकर शेयर किया जा रहा है बल्कि लाखों लोग इसे रीक्रिएट भी कर रहे हैं. 

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इतना ही नहीं इस डायलॉग पर मशहूर सिंगर बादशाह ने भी वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जो जमकर देखा और सराहा गया. बादशाह के क्रिकेटर रिंकू सिंह और कुलदीप यादव जैसे बड़े नाम भी इस ट्रेंड को फॉलो करते हुए वीडियो बना रहे हैं. इसी वजह से मेरठ के छोटे से गांव इंचौली के रहने वाले शादाब जकाती अब चर्चा में हैं.

शादाब की जर्नी

हम जब मेरठ के इंचौली गांव पहुंचे और शादाब से मिले तो उनकी कहानी सुनकर सब भावुक हो गए. शादाब ने बताया कि पहले वो ड्राइवर की नौकरी करता था. पैसे कमाने के लिए सऊदी अरब भी जा चुका है. वहीं से उन्होंने वीडियो बनाना शुरू किया. लेकिन शुरुआत में न उसे परिवार का समर्थन मिला और न ही आसपास के लोगों का. लोग उनका मजाक उड़ाते थे, पर शादाब ने हार नहीं मानी.

शादाब का कहना है कि सिंगर बादशाह ने उनके वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब प्रमोट किया, जिसकी वजह से आज उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है. शादाब ने बताया कि एक वक्त ऐसा भी था जब उनके पास पैसे तक नहीं थे, लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी.

सऊदी अरब में वीडियो बनाने पर पाबंदी लग गई तो उन्होंने वहां की नौकरी छोड़ दी. अब वे अपने छोटे से घर में इंचौली गांव में रहते हैं. उनके घर लोग मिलने आते हैं लेकिन वे खुद को एक साधारण इंसान ही मानते हैं.

शादाब की खासियत

शादाब की टेढ़ी चाल और देहाती अंदाज सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है. वे स्लिप डिस्क की बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके कारण उनकी चाल टेढ़ी हो गई है लेकिन यह उनकी खास पहचान बन गई है.

शादाब ने यह भी बताया कि कुछ विज्ञापन बनाने वाले उनसे संपर्क कर रहे हैं और कुछ ऑफर भी आए हैं, लेकिन उन्हें फिल्मों का कोई शौक नहीं है. वे सिर्फ रील बनाकर ही खुश हैं.

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