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उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष की तस्वीर साफ हो गई है. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का नाम लगभग तय हो गया है. आज दोपहर ढाई बजे राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने अपना निर्विरोध नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इससे साफ हो गया है कि वह यूपी बीजेपी के अध्यक्ष होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक उनके प्रस्तावक बने.
पंकज चौधरी का निर्विरोध निर्वाचन पत्र दाखिल हुआ है. चुनाव अधिकारी के रूप में महेंद्र नाथ पांडे ने स्वीकार किया है. किसी और नेता ने नामांकन दाखिल नहीं किया. औपचारिक घोषणा रविवार दोपहर लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान होने की संभावना है.
कौन हैं पंकज चौधरी?
पंकज चौधरी पूर्वांचल की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं. वह गोरखपुर से सटे महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से लगातार सात बार सांसद चुने जा चुके हैं. 2021 से वह केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं और संगठन व सरकार, दोनों में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है.
कुर्मी समुदाय से मजबूत कनेक्शन
पंकज चौधरी ओबीसी के कुर्मी वर्ग से आते हैं. वह 2021 से मोदी सरकार में मंत्री हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी निकटता जगजाहिर है. दो साल पहले गोरखपुर दौरे पर मोदी अचानक उनके घर पहुंचे थे.
पंकज चौधरी ने राजनीति की शुरुआत पार्षद से हुई थी. वह गोरखपुर के डिप्टी मेयर भी रहे हैं. 1991 में पहली बार सांसद चुने गए थे. उन्हें अच्छा प्लानर माना जाता है. वह राहत रूह तेल कंपनी के मालिक हैं. ॉ
ओबीसी समुदाय से आने वाले पंकज चौधरी के अध्यक्ष बनने से आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा हो सकता हैं. जानकार बताते हैं इससे पार्टी पिछड़े वर्ग को साधना चाहती है. पिछड़ा वर्ग, खासकर कुर्मी समाज, यूपी की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है.
कुर्मी वोट बैंक साधने की कोशिश
कुर्मी समाज की आबादी यादवों के बाद सबसे ज्यादा मानी जाती है. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुर्मी समाज का एक हिस्सा PDA के नाम पर सपा के साथ गया था. भाजपा अब इस वर्ग को दोबारा जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है.
कुर्मी समाज से अध्यक्ष बनाए जाने के मायने
2024 के लोकसभा चुनाव में 11 कुर्मी सांसद चुने गए हैं. इनमें 3 भाजपा और 7 सपा से चुने गए हैं. कुर्मी समाज की आबादी यादवों के बाद सबसे ज्यादा है. बीजेपी इसे अपना वोट बैंक मानती है. लेकिन लोकसभा चुनाव में कुछ कुर्मी वोट सपा की ओर चले गए. पार्टी अब कुर्मी वोटों को एकजुट रखना चाहती है
पहले भी कुर्मी रहे हैं प्रदेश अध्यक्ष
यूपी भाजपा में इससे पहले भी कुर्मी समाज से 3 बार प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह और स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, अब पंकज चौधरी का नाम फाइनल हो गया है. ऐसे में अब वह चौथे कुर्मी प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं.
लखनऊ पहुंचकर दाखिल किया नामांकन
पंकज चौधरी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया. वह दोपहर में एयर इंडिया की फ्लाइट से लखनऊ पहुंचे और सीधे भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचकर नामांकन दाखिल किया. पंकज चौधरी के नामांकन के प्रस्तावक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, स्मृति ईरानी, सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्रदेव, दारा सिंह चौहान, ए के शर्मा, कमलेश पासवान,अशीम अरुण बने.
चुनाव अधिकारी ने स्वीकार किया नामांकन
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव विनोद तावड़े और लखनऊ भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने चुनाव अधिकारी के रूप में पंकज चौधरी का नामांकन स्वीकार किया.इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सूर्य प्रताप शाही, सुरेश खन्ना और बेबी रानी मौर्य भी मौजूद रहे.
निर्विरोध चुने जाने की प्रबल संभावना
पार्टी सूत्रों के अनुसार, फिलहाल पंकज चौधरी के अलावा किसी अन्य नेता ने नामांकन नहीं किया है. ऐसे में उनका निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है.
रविवार को हो सकती है औपचारिक घोषणा
यूपी भाजपा के नए अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा रविवार दोपहर लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान होने की संभावना है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के नामों की भी घोषणा की जा सकती है.
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