सोशल मीडिया पर अपनी अश्लील वीडियो बनाकर फेमस हुई दो लड़कियां महक और निशा उर्फ परी को हाल ही में पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें अपने ही गांव वालों की खरी-खोटी सुननी पड़ रही है. संभल के शाहबाजपुर कला गांव के लोगों का कहना है कि सोशल मीडिया पर इन लड़कियों की हरकतों ने उनके गांव को बदनाम कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब उन्हें दूसरों के सामने अपने गांव का नाम बताने में भी शर्म आती है.
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गिरफ्तारी के बाद ज़मानत पर रिहा हुई महक और परी के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हो सकते हैं, लेकिन गांव के लोग उनके व्यवहार से बेहद नाखुश हैं. गांववालों का आरोप है कि ये लड़कियां अश्लील वीडियो बनाती थीं और विरोध करने पर पुलिस बुलाने की धमकी देती थीं. इसी वजह से गांव वाले चाहते थे कि उन्हें जमानत न मिले और वे जेल में ही रहें.
गांव वालों का फूटा गुस्सा
गांववालों ने आजतक की एक रिपोर्ट में बताया, "भले ही महक और परी के सोशल मीडिया पर 4 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हों, लेकिन यहां उन्हें चार आदमी भी पसंद नहीं करते. ना ही उनसे कोई बात करता है और ना ही कोई उनसे मतलब रखना चाहता है." उन्होंने आगे कहा कि इन लड़कियों की हरकतों से गांव का माहौल खराब हो रहा था और उनके घरों में भी बहन-बेटियां हैं, जिन पर गलत असर पड़ रहा था. "कुछ भी कहो तो झूठे आरोप लगाकर पुलिस से पकड़वा देती थीं," एक ग्रामीण ने अपनी परेशानी व्यक्त की.
महिलाएं भी इन लड़कियों से इतनी परेशान हो चुकी हैं कि इलाका छोड़ने तक का मन बना चुकी थीं. गांव की एक महिला ने कहा, "इन लड़कियों से इतना परेशान हो चुके हैं कि इलाका छोड़ने का मन होने लगा है." हालांकि, पुलिस की कार्रवाई से उन्हें उम्मीद जगी है कि अब ये गंदी हरकतें बंद कर देंगी. उनका साफ कहना है कि सोशल मीडिया पर उनके फॉलोअर्स हो सकते हैं, लेकिन गांव में उनका कोई फॉलोअर नहीं है, बल्कि सब दुश्मन हैं.
पुलिस कार्रवाई और गांव वालों की शिकायतें
संभल के असमोली थाना इलाके के शाहबाजपुर कला गांव की तीन लड़कियों - महक, निशा उर्फ परी, हिना और उनके कैमरामैन जर्रार आलम को अश्लील वीडियो अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इन वीडियोज़ में अश्लीलता, भद्दे इशारे और गालियां होती थीं, और खास बात यह थी कि महक और परी अपने गांव का नाम भी लेती थीं.
गांव के बुजुर्ग मोहम्मद अयूब ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि लड़कियों द्वारा ऐसी हरकत करना बिल्कुल गलत था, लेकिन वे उनसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर पाते थे क्योंकि वे झगड़ा करती थीं और पुलिस बुला लेती थीं. वहीं, मोहम्मद आसिम नाम के एक अन्य बुजुर्ग ने कहा कि इन लड़कियों ने उनके गांव को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और लोगों को बताने में भी शर्म आती है कि वे इन्हीं के गांव में रहते हैं.
कई ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने पहले भी इन लड़कियों की शिकायत पुलिस से की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी. मोहम्मद शमी, जो महक और परी के घर के पास रहते हैं, ने कहा कि उनका काम बहुत गंदा था और कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई एक्शन नहीं हुआ. इस बार की पुलिस कार्रवाई से गांव वाले खुश हैं, क्योंकि जब वे गंदे वीडियो बनाने से मना करते थे तो ये लड़कियां डंडे लेकर उन पर चढ़ जाती थीं और झूठे आरोप लगाती थीं.
गांव के निवासी मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि महक-परी टोकने पर पुलिस चौकी जाकर झूठे आरोप लगवाकर लोगों को पकड़वा देती थीं. उनका कहना था कि इन लड़कियों को केवल पैसे से मतलब था, चाहे वह गंदे वीडियो से आए या किसी को फंसाकर.
फिलहाल, महक और परी को कोर्ट से ज़मानत मिल गई है. गांव वाले उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस की इस कार्रवाई के बाद वे अपनी हरकतों से बाज़ आएंगी और गांव का नाम बदनाम करना बंद करेंगी.
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