चारधाम यात्रा में इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. लेकिन यात्रा के दौरान यात्रियों ने पर्वतीय क्षेत्रों पर कचरे का भारी बोझ छोड़ दिया. अधिकारियों के अनुसार, इस बार 47 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए. इस दौरान केदारनाथ और बद्रीनाथ में प्लास्टिक और थर्मोकोल जैसे नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव डॉ. पराग मधुकर ने कहा है कि कचरे को नियंत्रित करने के लिए सिंगल-यूज प्लास्टिक पर कड़े प्रतिबंध लागू किए जा रहे हैं.
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आपको बता दे कि अकेले केदारनाथ में ही 17 लाख यात्रियों से 2400 टन कचरा इकट्ठा हुआ. ये कचरा पिछले साल की तुलना में 350 टन अधिक है.वहीं, बद्रीनाथ में कचरे की मात्रा 220 टन तक पहुंच गई. इसी तरह गंगोत्री से 70 टन और यमुनोत्री से करीब 44 टन कचरे को नीचे लाया गया. अधिकारियों के अनुसार, चारो धामों में प्लास्टिक और थर्मोकोल जैसे नाॅन-बायोडिग्रेडेबल कचरे में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली.
महंगा साबित हो रहा है ऊंचाई से कचरा लाना
बताया जा रहा है कि बैन के बावजूद भी रास्तों में प्लास्टिक की बोतलें, कप और पैकेजिंग सामग्री बड़ी संख्या में मिल रही है. ऐसे में ऊंचाई वाले इलाकों से कचरे को नीचे लाना प्रशासन के लिए बेहद कठिन और महंगा साबित हो रहा है. प्रशासन को इसके लिए केदारनाथ मार्ग पर खच्चरों का सहारा लेना पड़ा. ऐसे में अगर प्लास्टिक पर सख्ती और यात्रियों के बीच जागरूकता नहीं बढ़ाई गई तो चारधाम क्षेत्र में पर्यावरण संकट और गंभीर रूप ले सकता है.
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का कहना है?
वही, बढ़ते कचरे को लेकर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने कहा है कि इस बार यात्रियों की संख्या बढ़ी है. हमको रिपोर्ट्स मिली है कि 2000 टन से ऊपर कूड़ा सिर्फ केदारनाथ में मिला है. कहा जा रहा है पिछले साल के मुकाबले यहां कचरा 300 टन से ऊपर अधिक मिला है. उन्होंने कहा कि हम इसका अध्ययन कर रहे हैं. कचरे को नियंत्रित करने के लिए हम सिंगल-यूज प्लास्टिक पर कड़े प्रतिबंध लागू करने जा रहे हैं. इसके लिए फारेस्ट डिपार्टमेंट के साथ समन्वय बढ़ाते हुए औहर भी सख्त व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और अगली बैठक में इस संबंध में नए प्रावधान जोड़े जाएंगे.
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है-बद्री केदार समिति
उधर बद्री केदार समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी का कहना कि ये बहुत चिंता का विषय और इसका कड़ाई से पालन करने के लिए हम हिमालय में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है. केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर परिसरों में कूड़ा मैनेजमेंट को और मजबूत बनाने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं.
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