Angel Chakma Murder Case: उत्तराखंड के देहरादून में पढ़ाई करने आए त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की मौत के बाद मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है. पूर्वोत्तर राज्यों के छात्र और कई बड़ी हस्तियां इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर अपना कड़ा विरोध दर्ज करा रही हैं. एंजेल को न्याय दिलाने के लिए जगह-जगह कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं.अब इस मामले में भाजपा के पूर्व सांसद तरुण विजय ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से छात्र को न्याय दिलाने की मांग की है. इसके तहत तरुण विजय ने एंजेल चकमा के परिवार से बात करने के बाद एक वीडियो के जरिए बयान जारी किया है. वहीं, मृतक के परिवार ने ऐंजल का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पर भी संदेह जताया है और केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है.
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मामले का हो स्पीडी ट्रायल-बीजेपी नेता
अपने इस बयान में बीजेपी के वरिष्ठ नेता तरुण विजय ने बताया कि एंजेल चकमा के परिवार ने कुछ मांगे रखी है. जिन पर उत्तराखंड सरकार को परिवार का साथ देना चाहिए. तरुण विजय ने कहा कि एंजल चकमा की हत्या एक सभ्य समाज के लिए बहुत बड़ा कलंक है. उन्होंने कहा कि इसकी तुरंत उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. इसको एक सामान्य अपराध की श्रेणी में नहीं रखना चाहिए. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से भी हमने अपील की है कि वे इसको उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दे और जो छठा अपराधी अभी भागा हुआ है उसको तुरंत पकड़े.
उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाने की व्यवस्था की जाए और केस का स्पीडी ट्रायल किया जाए. उन्होंने कहा कि हम अपील करते हैं सीएम पुष्कर सिंह धामी एंजल चकमा के परिवार की तुरंत वित्तीय सहायता प्रदान करें. उन्होंने कहा कि सीएम इस मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने पर भी विचार करें और त्रिपुरा से उनके परिवारजन के आने की व्यवस्था के लिए भी सहायता करें.
केस को दिल्ली किया जाए ट्रांसफर-परिवार
वहीं, एंजेल चकमा के परिवार ने इस मामले में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की है. इसके अलावा उनके पिता ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पर भी संदेह जताया है जो एंजेल चकमा के इलाज के बाद छुट्टी पर चला गया. परिवार का कहना है कि वे त्रिपुरा में रहते हैं और उनके लिए देहरादून आकर कानूनी लड़ाई लड़ना मुश्किल है इसलिए इस केस को दिल्ली ट्रांसफर किया जाना चाहिए. मृतक के परिवार ने बताया कि एंजेल के इलाज में अब तक लगभग 30 से 35 लाख रुपये से अधिक का खर्च आ चुका है. इस भारी आर्थिक बोझ के बावजूद एंजेल की जान नहीं बचाई जा सकी. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा नेता तरुण विजय ने मुख्यमंत्री धामी से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने की अपील भी की है.
यहां देखें तरुण विजय ने क्या कहा?
क्या है ऐंजल चकमा का पूरा मामला?
आपको बता दें कि देहरादून के सेलाकुई में कथित नस्लीय हिंसा का शिकार हुए त्रिपुरा के एक छात्र ऐंजल चकमा की इलाज के दौरान 17 दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई. 24 वर्षीय चकमा देहरादून में अपने भाई के साथ रहकर पढ़ाई कर रहे थे. बताया जा रहा है कि बीती 9 दिसंबर को एंजेल चकमा पर कुछ छात्रों ने कथित नस्लीय टिप्पणी की थी. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो बहसबाजी के दौरान कुछ अन्य छात्राें ने उनपर धारदार हथियारों से हमला कर दिया. इसमें वो बुरी तरह से जख्मी हो गए. इसके बाद चकमा को उनके भाई ने अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन यहां लंबे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
5 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, एक फरार
इस मामले में पुलिस ने अभी तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें से तीनों लोगों को जेल भेज दिया गया है. वहीं, बाकी क दो किशोर हैं, ऐसे में उन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में एक आरोपी फारार है उसकी तलाश की जा रही है. आरोपी ने मूल रूप से नेपाल का रहने वाला बताया जा रहा है. पुलिस ने फरार आरोपी पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया है.
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