हरिद्वार: सरकारी जमीन पर बनी थी मजार...प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर किया ध्वस्त!

Haridwar News: उत्तराखंड के हरिद्वार में मंगलवार को प्रशासन ने सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी एक अवैध मजार को तोड़ दिया. इसके लिए विभाग की ओर से पहले नोटिस जारी किया गया था. लेकिन जवाब न मिलने पर एसडीएम की मौजूदगी में बुलडोजर अवैध ढांचे को हटा दिया गया.

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मुदित अग्रवाल

04 Nov 2025 (अपडेटेड: 04 Nov 2025, 05:55 PM)

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Haridwar News: उत्तराखंड के हरिद्वार में मंगलवार को अवैध रूप से बनाई गई एक मजार को ध्वस्त कर दिया गया. बताया जा रहा है कि ये मजार यूपी की सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी. प्रशासन ने मजार को हटाने के लिए नोटिस दिया था. लेकिन इसके बाद भी मजार प्रबंधक ने इसे शिफ्ट नही किया. ऐसे में जिला प्रशासन की देखरेख में मजार को बुलडोजर से तोड़कर हटा दिया. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा. SDM ने बताया कि मौके पर किसी ने कार्रवाई का विरोध नहीं किया.

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अवैध ढांचों पर चलाया बुलडोजर

दरअसल, हरिद्वार में ये मजार पथरी पवार हाउस के निकट नहरों के बीच मे बनाई गई थी. सिंचाई विभाग के अनुसार, उसके कई बार मजार शिफ्ट करने को कहा. इसके लिए 16 अक्टूबर को नोटिस भी दिया गया. लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर एसडीएम के नेतृत्व में सिंचाई विभाग द्वारा मजार को बुलडोजर से तोड़कर हटा दिया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर बने अवैध धार्मिक ढांचों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है.

नहीं दिया नोटिस जवाब, न ही दिखाए कागज

सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के एसडीओ भारत भूषण शर्मा का बताया कि पथरी पावर हाउस के डाउनस्ट्रीम में दोनों नहरों के बीच में एक मजार बनी हुई थी. हमारे कर्मचारियों ने पेट्रोलिंग के समय मजार प्रबंधन काे मजार शिफ्ट करने कहा. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. 16 अक्टूबर को हमारी टीम नोटिस भेजा. इसका भी कोई जवाब नहीं मिला. न ही हमें कोई डॉक्यूमेंट दिखाए गए और न ही मौखिक रूप से अवगत कराया गया. भूषण शर्मा ने कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार मिनिमम वेट करने के बाद मजार को हटाया गया है.

SDM ने क्या कहा?

वहीं, SDM जितेंद्र कुमार का कहना है कि सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से धार्मिक संरचना बनाई गई थी. इसको लेकर सिंचाई विभाग है संबंधित प्रबंधक को नोटिस इशू किया था और 15 दिन में अपना पक्ष रखने को कहा था. लेकिन मजार प्रबंधक ने कोई डॉक्यूमेंट या पक्ष नहीं रखा. ऐसे में नोटिस पीरियड समाप्त होने के बाद अवैध रूप से बनाई गई धार्मिक संरचना को हटाया गया. SDM ने कहा कि इस दौरान किसी ने इस काईवाई का विरोध नहीं किया क्योंकि ये पियोरली गवर्नमेंट लैंड पर बनी थी.

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