Mock Drill in Dehradun: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस बीच भारत सरकार ने देश के कई राज्यों में मॉक ड्रिल कराने का फैसला किया है. इसी के तहत उत्तराखंड के देहरादून को भी इसमें शामिल किया गया है. मॉक ड्रिल के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां की जा रही हैं.
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देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार मॉक ड्रिल को लेकर सभी विभागों के साथ बैठक की जा रही है. ड्रिल के लिए जगह, स्थिति, संसाधन और टीम का विश्लेषण किया जा रहा है. नगर निगम क्षेत्र में मॉक अभ्यास के जरिए विभागीय अधिकारियों और एजेंसियों को अलर्ट रहने का अभ्यास कराया जाएगा.
इस समय बजेगा सायरन
साथ ही, सिविल सोसायटी को भी जागरूक किया जाएगा कि आपात स्थिति में अलार्म, संदेश या ट्रांसमिशन मिलने पर उन्हें क्या करना है. आपको बता दें कि देहरादून में 7 मई को शाम 4 बजे इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. डीएम ने मुताबिक, देहरादून जिले में कुल 9 सायरन हैं, जो 7 मई को शाम 4 बजे एक साथ बजाए जाएंगे.
इससे पहले 1971हुई थी मॉक ड्रिल
भारत में इस तरह की मॉक ड्रिल का आयोजन पिछली बार वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध से पहले किया गया था. अब एक बार फिर आतंकी गतिविधियों और बढ़ते तनाव के बीच, देश एक व्यापक मॉक ड्रिल के जरिए तैयारियों को परखने जा रहा है.
ये सब होता है मॉक ड्रिल में?
- ब्लैकआउट की स्थिति तैयार की जाती है, जिसमें बिजली बंद कर दी जाती है ताकि दुश्मन के लिए लक्ष्य पहचानना मुश्किल हो.
- सायरन बजाकर लोगों को सतर्क रहने का अभ्यास कराया जाता है.
- हवाई हमले जैसी स्थितियों में नागरिकों को कैसे प्रतिक्रिया देनी है, यह सिखाया जाता है.
- सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने, छिपने और बचाव की प्रक्रियाओं का अभ्यास होता है.
- आपातकालीन हालात में सुरक्षित निकासी की योजना पर अमल कराया जाता है.
- बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों और फैक्ट्रियों को सुरक्षित रखने और छुपाने के तरीकों का अभ्यास भी कराया जाता है.
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