Uttarakhand News: उत्तराखंड की रहने वाली रीना (बदला हुआ नाम) को फेसबुक पर एक अनजान के युवक से दोस्ती करना भारी पड़ गया. दरअसल, करीब छह साल पहले फेसबुक के जरिए रीना की पहचान मुजफ्फरनगर के अब्बू तालीब नाम के एक युवक से हुई. धीरे-धीरे दाेनों में बताचीत का शुरू हुई. इस बीच तालीब ने रीना को “Revert to Islam” नाम के एक ग्रुप में एड कर दिया.
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बताया जा रहा है कि धर्मांतरण कांड मुख्य आराेपी अब्दुल रहमान रीना का धर्म बदलकर उससे चौथी शादी करना चाहता था. ऐसे में आरोपी ने रीनी को झांसे में लेना शुरू किया. इसके लिए उसने रीना के कमजोर पलों का फायदा उठाया. उसका फोन खराब होने पर उसे नया फोन दिलाया गया. उसे फोन पर के रिचार्ज के लिए पैसे दिए गए.
व्हाट्सएप पर कलमा पढ़ना सिखाया
जानकारी के अनुसार, आरोपी ने अब रीना से कहा कि आगे भी मदद जारी रखनी है तो इसके लिए उसे शर्त माननी पड़ेगी. इसके लिए आरोपी ने कहा था कि इस्लाम कबूल करो और अब्दुल रहमान से निकाह करो.
इसी बीच आरोपी ने रीना पर दबाव बनाया और उसका नाम बदलकर “मरियम” रख दिया और दिल्ली ले जाकर उसके निकाह की तैयारी शुरू कर दी गई. उसे सिखाया गया कि व्हाट्सएप पर कैसे कलमा पढ़ा जाता है. मोबाइल और सिम तोड़ने को कहा गया, ताकि कोई संपर्क न हो सके.
रीना को चौथी बीवी बनाने की थी योजना
रीना इस पूरे मामले की मुख्य गवाह है. उसने बताया कि कैसे उसे मानसिक रूप से तोड़ा गया. उसका मोबाइल ट्रैक किया गया और निकाह का दबाव बनाया गया. खास बात यह है कि अब्दुल रहमान पहले से तीन निकाह कर चुका है और रीना को चौथी बीवी बनाने की योजना थी.
पुलिस ने सही समय पर किया रेस्क्यू
लेकिन इस बीच जब एक स्थानीय मुस्लिम वाहन चालक रीना को लेकर निकल रहा था तो उसी वक्त आगरा पुलिस को इसकी सूचना मिली. पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे सही समय पर रेस्क्यू कर लिया. बता दें कि पूरी कार्रवाई आगरा के थाना सदर बाजार में दर्ज ‘मिशन अस्मिता’ केस का हिस्सा थी.
पुलिस ने 14 आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 राज्यों से 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें गिरफ्तार तीन मुख्य आरोपी जुनैद कुरैशी (30 वर्ष, दिल्ली), अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल (20 वर्ष, मूल निवासी फिरोजाबाद) और अब्दुल रहीम (27 वर्ष, दिल्ली) पर रीना समेत कई युवतियों को बहला-फुसलाक धर्मांतरण कराने का आरोप है.
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