3 साल की देरी, 2 करोड़ खर्च...टिहरी में जान जोखिम में डाल कर नदी पार कर रहे लोग, वीडियो हुआ वायरल

Uttarakhand News: उत्तराखंड के टिहरी जिले में 2022 तक तैयार होने वाला रांगड़ पुल 2025 में भी अधूरा है. ऐसे में अब ग्रामीण बारिश के बीच जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. प्रशासन अब इसको मार्च 2026 तक पूरा करने का दावा कर रहा है.

uttarakhand-rangad-bridge-delay
जान जोखिम में डालकर नदी पार करते लोग. तस्वीर: स्क्रीनग्रैब

न्यूज तक

• 08:26 PM • 02 Jul 2025

follow google news

Uttarakhand News: उत्तराखंड के टिहरी जिले में रांगड़ गांव को जोड़ने वाला पुल भ्रष्टाचार, लापरवाही और सिस्टम की धीमी रफ्तार की मिसाल बन चुका है. पुल के पूरा होने की डेडलाइन जुलाई 2022 थी, लेकिन ये अभी जुलाई 2025 तक भी अधूरा है. इस कारण ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Read more!

दरअसल, इस पुल को 48 मीटर लंबा बनाया जाना था, जिसकी लागत लगभग ₹2 करोड़ रुपये थी. पुल से 15 से अधिक गांव जुड़ने वाले थे. लेकिन अब सालों से इसका काम ठप पड़ा है.

क्षेत्र में हैं 7 ग्राम पंचायत और 20 गांव 

ग्रामीणों का आरोप है कि या तो फंड कागजों में बह गया या फिर नदी में. बता दें कि चिफलटी गाड़ क्षेत्र में करीब 7 ग्राम पंचायत और 20 गांव ऐसे हैं जो वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं के साथ प्रशासनिक लापरवाही का भी शिकार हैं. बरसात के समय नदी पार करना किसी जानलेवा जोखिम से कम नहीं होता.

जान जोखिम में डालकर नदी कर रहे पार 

इस वीडियो में उफानती नदी में कुछ लाेग जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक महिला और एक युवक नदी के तेज बहाव के बीच JCB मशीन के फावड़े (बैकहो बकेट) में सवार होकर नदी पार करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, एक अन्य व्यक्ति नीचे खड़ा होकर दोनों की मदद कर रहा करता हुआ दिख रहा है.

मामले को लेकर प्रशासन ने दिया जवाब

आज तक द्वारा सवाल उठाए जाने पर टिहरी जिलाधिकारी ने सफाई दी कि पुल का कार्य पूरी तरह बंद नहीं हुआ है. पहले यह पीएमजीएसवाई-2 के तहत 30 मीटर स्टील ट्रस पुल था. लेकिन अगस्त 2023 में आई भारी बारिश और फ्लैश फ्लड के कारण दोनों ओर की एप्रोच कट गई और नदी का प्रवाह इतना चौड़ा हो गया कि निर्माणाधीन ढांचा बीच नदी में आकर बेकार हो गया.

यहां देखें वीडियो

मार्च 2026 तक पूरा करने का दावा

इसके बाद तकनीकी बदलाव के तहत पुल की लंबाई बढ़ाकर 48 मीटर कर दी गई और अप्रैल 2025 में URRDA से इसकी नई स्वीकृति मिली. फिलहाल A1 और A2 अब्यूटमेंट का ज्यादातर कार्य पूरा हो चुका है और सेतु की फैब्रिकेशन का 70% काम वर्कशॉप में हो चुका है. जिलाधिकारी ने बताया कि इस पुल का शेष कार्य मार्च 2026 तक पूरा हो जाने की संभावना है.

ग्रामीणों के लिए बनाई वैकल्पिक व्यवस्था

प्रशासन के अनुसार, पिछले साल की तरह इस बार भी ग्रामीणों के लिए अस्थायी ह्यूम पाइप डाइवर्जन बनाकर आवागमन की सुविधा दी गई है. साथ ही, पीडब्लूडी थत्यूड़ द्वारा पुल के पास ट्रॉली सेवा शुरू की जा रही है. इसके लिए दोनों ओर के अब्यूटमेंट (abutment) तैयार हो चुके हैं. ट्रॉली को एक सप्ताह के भीतर शुरू करने का निर्देश भी दिया गया है.

ये भी पढ़ें:  राम मंदिर आंदोलन से लेकर राज्य आंदोलन तक…जानिए कौन हैं महेंद्र भट्ट जो दूसरी बार बने उत्तराखंड BJP अध्यक्ष

    follow google newsfollow whatsapp