उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप (Rajeev Pratap Singh Journalist) की मौत ने पूरे स्थानीय समुदाय को हैरान कर दिया है. उनकी रहस्यमय मौत के बाद से कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. एक ओर जहां पुलिस इस घटना को सड़क दुर्घटना मान रही है, वही दूसरी तरफ मृतक का परिवार इसे एक सुनियोजित साजिश बता रहा है.
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गौरतलब है कि पत्रकार राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात से लापता थे. उनका शव रविवार को 10 दिन के बाद जोशियाड़ा बैराज से बरामद किया गया. जिस कार में वे सवार थे वो पहले ही नदी में मिल चुकी थी. मामले में अब राजीव का परिवार सीबीआई (CBI) जांच की मांग कर रहा है.
कार में मिली सिर्फ राजीव की चप्पलें
दरअसल, 18 सितंबर की रात पत्रकार राजीव प्रताप अपने एक दोस्त की कार से ज्ञानसू से गंगोरी की तरफ जा रहे थे. लेकिन इसके बाद वो घर नहीं लौटे. पुलिस के अनुसार, इसके अगले दिन उनकी क्षतिग्रस्त कार स्यूणा के पास भागीरथी नदी के किनारे मिली. इस दौरान उनकी कार में सिर्फ उनकी चप्पलें मिलीं थी. लेकिन राजीव का कोई सुराग नहीं लगा. लगभग दस दिनों तक चली खोजबीन के बाद रविवार को पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम ने उनका शव जोशियाड़ा बैराज से बरामद किया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या निकला?
मामले में पुलिस अधीक्षक (SP) सरिता डोभाल ने बताया कि CCTV वीडियो में राजीव कार चलाते हुए अकेले नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण छाती और पेट में गंभीर चोटों को बताया गया है. SP ने कहा कि ये सीधे तौर पर एक सड़क दुर्घटना की ओर इशारा करती हैं. हालांकि, स्थानीय पत्रकार चिरंजीव सेमवाल ने भी इस मामले में संदेह व्यक्त किया और घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई.
मिल रही थी जान से मारने की धमकी: भाई
वहीं, राजीव के भाई आलोक प्रताप सिंह ने इस दुर्घटना को साजिश करार दिया. उन्होंने बताया कि राजीव ने जिला हॉस्पिटल की बदहाली का वीडियो बनाया था. इसके बाद से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही थी. आलोक ने ये भी कहा कि पोस्टमार्टम में मिली चोटें कार के नदी में फिसलने की थ्योरी से मेल नहीं खाती हैं.
आलोक के अनुसार पुलिस जिस सीसीटीवी फुटेज का हवाला दे रही है, वो घटना स्थल से लगभग 800 मीटर दूरी का है. आलोक ने एक घटना का भी जिक्र करते हुए बताया कि फरवरी महीने में कुछ लोग नशे की हालत में उनके घर पर आए थे और उन्होंने राजीव को धमकी दी थी.
गर्भवती पत्नी ने क्या बताया
राजीव की गर्भवती पत्नी मुस्कान ने बताया कि पति से उनकी अंतिम बात 18 सितंबर की रात 11:15 बजे हुई थी. मुस्कान ने खुलासा किया कि राजीव जिस कार को चला रहे थे वो पुलिस अधिकारी सोबन की थी. ऐसे में जब मुस्कान ने सोबन को मदद के लिए फोन किया तो उन्होंने सहायता करने के बजाय मामले को हल्के में लिया. इस दौरान पत्नी ने भावुक होकर कहा कि वो अपने पति के बिना अपने अजन्मे बच्चे का पालन-पोषण कैसे करेंगी. मुस्कान ने बताया कि राजीव हमेशा जनहित के मुद्दे उठाते थे.
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