रक्षाबंधन 2025: शनि-मंगल का समसप्तक योग, इन 3 राशियों पर मंडराएगा खतरा
Raksha bandhan 2025: इस साल रक्षाबंधन के मौके पर ग्रहों की चाल कुछ राशियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और मंगल का एक खास योग बन रहा है, जिसे समसप्तक योग कहा जाता है.
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इस साल रक्षाबंधन के मौके पर ग्रहों की चाल कुछ राशियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और मंगल का एक खास योग बन रहा है, जिसे समसप्तक योग कहा जाता है. यह योग मेष, मिथुन और कर्क राशि वालों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

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शनि-मंगल का आमना-सामना- 28 जुलाई 2025 को मंगल ने सिंह राशि छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश किया. दूसरी ओर, शनि इस समय मीन राशि में विराजमान हैं. दोनों ग्रह एक-दूसरे के ठीक सामने 180 डिग्री के कोण पर हैं, जिसे ज्योतिष में समसप्तक योग कहा जाता है. मंगल को क्रूर ग्रह माना जाता है, जबकि शनि कर्मों के आधार पर फल देते हैं. इन दोनों का यह टकराव अशुभ प्रभाव डाल सकता है.

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करियर और कारोबार में रुकावटें- ज्योतिषियों का कहना है कि इस योग के कारण नौकरीपेशा और व्यवसायी लोगों को अपने काम में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. लापरवाही से बड़ा नुकसान हो सकता है. करियर में मेहनत के बावजूद सफलता मिलने में देरी हो सकती है.

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आर्थिक नुकसान का खतरा- इस दौरान आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है. अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं, जिससे बैंक बैलेंस प्रभावित हो सकता है. निवेश या बड़े वित्तीय फैसले लेने से बचने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि धन हानि की आशंका है.

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रिश्तों में तनाव की आशंका- शनि-मंगल का यह योग व्यक्तिगत जीवन पर भी असर डालेगा. चिड़चिड़ापन बढ़ने से परिवार और दांपत्य जीवन में तनाव या अनबन हो सकती है. रिश्तों में दरार पड़ने का खतरा रहेगा. ज्योतिषी सलाह देते हैं कि इस समय धैर्य और समझदारी से काम लें.

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इन राशियों पर पड़ेगा ज्यादा असर- मेष, मिथुन और कर्क राशि वालों को इस योग का सबसे ज्यादा प्रभाव झेलना पड़ सकता है. इन राशियों के जातकों को करियर में नुकसान, आर्थिक तंगी, पारिवारिक तनाव और धोखे की आशंका का सामना करना पड़ सकता है. मानसिक तनाव से बचने के लिए सावधानी बरतें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की सलाह लें.

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क्या करें उपाय?- ज्योतिषियों के अनुसार, इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ और शनिदेव की पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं. इसके अलावा, क्रोध और जल्दबाजी से बचें और बड़े फैसले सोच-समझकर लें.