घर में कुत्ता पालने से बदल सकती है आपकी किस्मत! जानिए, आपके लिए कौन सा रंग है शुभ

संदीप कुमार

Vastu tips: वफादारी का प्रतीक कुत्ता न सिर्फ अकेलेपन का साथी है, बल्कि राहु-केतु, शनि जैसे ग्रह दोषों से राहत देने वाला शुभ संकेत भी. जानिए कैसे यह प्यारा जीव आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि ला सकता है.

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एक छोटे से गांव में रमेश नाम का एक व्यक्ति (काल्पनिक नाम) रहता था, जिसका जीवन मुश्किलों से भरा था. नौकरी छूट गई थी, घर में कलह रहती थी, और रात को अजीब-अजीब सपने उसे डराते थे. एक दिन उसकी मुलाकात एक ज्योतिषी से हुई, जिसने उसकी कुंडली देखकर कहा, "तुम्हारी कुंडली में राहु और केतु का दोष है. इस कलर का एक कुत्ता पालो, सब ठीक हो जाएगा." रमेश को बात अटपटी लगी, लेकिन उसने सोचा, "कोशिश करने में क्या हर्ज है?"
गांव के बाहर एक दिन उसे एक कुत्ता मिला, जिसके गले में रस्सी का टुकड़ा लटक रहा था. उसकी आंखों में उदासी थी, मानो वह भी रमेश की तरह किसी सहारे की तलाश में हो. रमेश ने उसे घर लाया और नाम रखा "कालू". पहले तो घरवाले नाराज हुए, लेकिन कालू की मासूम हरकतों ने सबका दिल जीत लिया.


कुछ ही दिनों में चमत्कार होने लगे. रमेश को नई नौकरी मिल गई, घर में शांति छा गई, और रात के डरावने सपने गायब हो गए. गांव वालों का कहना था कि कालू कोई साधारण कुत्ता नहीं, बल्कि भैरव देव का दूत है, जो बुरी शक्तियों को दूर भगा रहा है. चलिए ज्योतिर्विद करिश्मा कौशिक से जानते हैं कुत्ते को पालने के फायदों और इसके ज्योतिषीय महत्व को.

कुत्ता: वफादारी का प्रतीक

कहा जाता है कि कुत्ते जैसा वफादार साथी मिलना मुश्किल है. चाहे अच्छा समय हो या बुरा, कुत्ता हमेशा अपने मालिक के साथ खड़ा रहता है. यही कारण है कि लोग इसे न केवल पालतू जानवर के रूप में पसंद करते हैं, बल्कि इसे अपना बेस्ट फ्रेंड भी मानते हैं. कुत्ता न सिर्फ अकेलेपन को दूर करता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है.

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ज्योतिषीय महत्व और लाभ

सनातन धर्म में कुत्ते को विशेष स्थान प्राप्त है. इसे भगवान भैरव का वाहन माना जाता है और ज्योतिष में यह राहु और केतु ग्रहों से भी जुड़ा हुआ है. करिश्मा के अनुसार, अगर आपकी कुंडली में राहु या केतु से संबंधित कोई दोष है, तो कुत्ता पालना आपके लिए बेहद शुभ हो सकता है. इससे न केवल ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है.

काला कुत्ता: काले कुत्ते को पालने से घर में शांति और सुख आता है. यह बुरी शक्तियों, नकारात्मक ऊर्जा और काले जादू के प्रभाव को भी दूर रखता है. काले कुत्ते को दूध पिलाने से घर में संतुलन बना रहता है. साथ ही, अगर आपको अकेलापन या डर सताता है, तो यह आपके लिए बेहतरीन उपाय हो सकता है.

सफेद कुत्ता: यदि राहु और केतु का प्रभाव आपकी कुंडली में नकारात्मक है, तो सफेद कुत्ते को पालने से इन ग्रहों का दोष कम होता है और बिगड़े काम बनने लगते हैं.

भूरा कुत्ता: भूरे रंग का कुत्ता पालना उन लोगों के लिए शुभ है, जो कानूनी विवादों या झगड़ों में फंसे हैं. यह वाद-विवाद को सुलझाने में मदद करता है और जीवन में स्थिरता लाता है.

स्ट्रीट डॉग्स की सेवा भी है लाभकारी

अगर आप घर में कुत्ता नहीं पाल सकते, तो बाहर के कुत्तों (स्ट्रीट डॉग्स) को दूध, रोटी या बिस्किट खिलाना भी उतना ही शुभ माना जाता है. खास तौर पर रविवार और मंगलवार को कुत्ते को दूध पिलाने से राहु-केतु के साथ-साथ शनि देव भी प्रसन्न होते हैं. यह पितृ दोष को कम करने में भी मदद करता है. हमारे बड़े-बुजुर्ग भी कहते थे कि "एक कुत्ते की रोटी" खिलाने से जीवन में कई समस्याएं हल हो जाती हैं.

शनि और साढ़ेसाती से राहत

जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है और अशुभ प्रभाव दे रही है, उनके लिए भी कुत्ते की सेवा करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है. यह न केवल ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है.

कुत्ता न सिर्फ एक पालतू जानवर है, बल्कि यह हमारे जीवन का एक ऐसा साथी है जो हमें भावनात्मक सहारा, ज्योतिषीय लाभ और सकारात्मक ऊर्जा देता है. तो क्यों न इस वफादार दोस्त को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं या फिर स्ट्रीट डॉग्स की सेवा करके पुण्य कमाएं? यह छोटा सा कदम आपके जीवन में बड़े बदलाव ला सकता है.

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Disclaimer: यह जानकारी ज्योतिष और उसके इर्द-गिर्द बनी मान्यताओं और तर्कों पर आधारित है. हम ज्योतिर्विद के हवाले से यह जानकारी आपको दे रहे हैं. न्यूज़ तक ऐसी मान्यताओं और टोटकों का समर्थन नहीं करता है.

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