बिहार में डायल-112 बना संकट का साथी, 3 साल में 40 लाख लोगों को मुसीबत से निकाला
Bihar News: औसतन 15 मिनट में पहुंचने वाली यह सेवा घरेलू हिंसा, सड़क हादसे, आगजनी, और महिला सुरक्षा जैसे मामलों में त्वरित सहायता देती है. खासकर ‘सुरक्षित सफर सुविधा’ ने महिलाओं के लिए यात्रा को सुरक्षित बनाया है.
ADVERTISEMENT

Bihar News: क्या आपने कभी सोचा कि एक फोन कॉल आपकी या आपके अपनों की जान बचा सकती है? बिहार में डायल-112 सेवा ने यही कर दिखाया है. पिछले तीन साल में इस आपातकालीन सेवा ने 40 लाख से ज्यादा लोगों को मुसीबत से निकाला है. चाहे सड़क हादसा हो, घरेलू हिंसा, आगजनी या कोई और संकट, बस एक कॉल पर बिहार पुलिस तुरंत मदद के लिए पहुंच रही है। यह सेवा अब बिहारवासियों के लिए भरोसे का दूसरा नाम बन चुकी है.
15 मिनट में मदद
बिहार की डायल-112 सेवा देश में कॉल रिस्पॉन्स के मामले में दूसरे नंबर पर है. हर दिन औसतन 65 हजार कॉल आते हैं और 6 हजार लोगों को त्वरित सहायता दी जाती है. डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि पुलिस 15 मिनट के औसत समय में घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों की मदद करती है. इस मौके पर उन्होंने पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया.
महिलाओं के लिए सुरक्षा की ढाल
डायल-112 ने खासतौर पर महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. सितंबर 2024 में शुरू हुई ‘सुरक्षित सफर सुविधा’ अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है. महिलाएं अपनी यात्रा की जानकारी पुलिस के साथ साझा कर सकती हैं, जिसके बाद तकनीकी निगरानी के साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है. जरूरत पड़ने पर तुरंत आपातकालीन वाहन (ERV) भेजा जाता है. बिहार यह सुविधा देने वाला देश का तीसरा राज्य है.
यह भी पढ़ें...
हर मुसीबत में साथ
डायल-112 ने हर तरह के संकट में लोगों का साथ दिया है. आंकड़ों के मुताबिक:
- घरेलू हिंसा और महिला-बच्चा अपराध: 3.57 लाख+ मामले
- स्थानीय विवाद और हिंसा: 21.79 लाख+ मामले
- सड़क दुर्घटनाएं: 1.84 लाख+ मामले
- आगजनी: 1.15 लाख+ मामले
इसके अलावा, 1833 आपातकालीन वाहन (1283 चारपहिया और 550 दोपहिया) और 119 हाईवे पेट्रोलिंग वाहन हर समय तैयार रहते हैं.
महिला पुलिस की संवेदनशील पहल
पटना के कॉल टेकर सेंटर का संचालन पूरी तरह महिला पुलिसकर्मियों के हाथ में है. यह न सिर्फ महिला सशक्तिकरण की मिसाल है, बल्कि महिलाओं से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता के साथ मदद भी सुनिश्चित करता है. यह पहल पूरे बिहार की महिलाओं के लिए एक बड़ा सहारा बन रही है.
एक नंबर, हर समाधान
चाहे पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, हाईवे पेट्रोलिंग या डिजास्टर मैनेजमेंट हो, डायल-112 एकमात्र हेल्पलाइन है जो सबको जोड़ती है. यह सेवा तकनीक, त्वरित रिस्पॉन्स और मानवीय संवेदना का शानदार मेल है. अब बिहार के लोगों को किसी भी संकट में सिर्फ एक नंबर- 112 याद रखना है.