बिहार बनेगा नर्सिंग का ग्लोबल हब: विदेशों में चमकेंगी बिहार की नर्सें, पटना में खुला देश का पहला प्रशिक्षण केंद्र

न्यूज तक

Bihar News: बिहार बना देश का पहला नर्सिंग ग्लोबल हब, पटना में विदेशी नौकरी के लिए ट्रेनिंग सेंटर शुरू. नर्सों को विदेशी भाषा और कॉम्पिटेंसी सर्टिफिकेट से मिलेगा फायदा.

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पटना में देश का पहला नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र, बिहार की नर्सें अब विदेशों में करेंगी काम
मंगल पांडे(फाइल फोटो)
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Bihar News: बिहार अब न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर नर्सिंग और मेडिकल सेवाओं का नया केंद्र बनने की राह पर है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने ऐलान किया है कि बिहार के नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ को अब विदेशों में काम करने के लिए तैयार किया जाएगा. पटना में देश का पहला नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र शुरू हो चुका है, जो बिहार के युवाओं को ग्लोबल मंच पर ले जाएगा. यह कदम न सिर्फ बिहार की प्रतिभा को दुनिया के सामने लाएगा, बल्कि युवाओं के लिए करियर के नए अवसर भी खोलेगा.

विदेशों में नौकरी के लिए तैयार होंगे नर्सिंग स्टाफ

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि बिहार के नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ को विदेशों में काम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें विदेशी भाषा की दक्षता भी शामिल होगी, ताकि भाषाई बाधा के बिना वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाएं दे सकें. यह पहल बिहार को नर्सिंग के क्षेत्र में केरल की तरह एक बड़ा ब्रांड बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

कॉम्पिटेंसी सर्टिफिकेट से ग्लोबल मान्यता

पटना के एनएमसीएच परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में जीएनएम प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे नर्सिंग छात्रों को कॉम्पिटेंसी सर्टिफिकेट प्रदान किए गए. ये सर्टिफिकेट विदेशों में मान्य होंगे, जिससे बिहार के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरी पाने में आसानी होगी. मंगल पांडे ने कहा, “अब बिहार के छात्र विदेशों में काम करेंगे। गुणवत्ता, सर्टिफिकेशन और दक्षता की गारंटी बिहार सरकार दे रही है.”

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केरल को पीछे छोड़ेगा बिहार

पहले केरल की नर्सें विदेशों में अपनी सेवाओं के लिए जानी जाती थीं, लेकिन अब बिहार इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने को तैयार है. बिहार सरकार का यह प्रयास नर्सिंग पेशेवरों को वैश्विक मंच पर स्थापित करेगा और राज्य को मेडिकल सेवाओं का एक मजबूत हब बनाएगा.

दवा परीक्षण में भी आत्मनिर्भर बिहार

बिहार न केवल मानव संसाधन बल्कि मेडिकल टेक्नोलॉजी में भी आत्मनिर्भर बन रहा है. पटना में स्थापित नई औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला में 28 अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिसके लिए 14 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. अब बिहार को दवाओं की जांच के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इस प्रयोगशाला से गलत दवाओं पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी, जिससे मरीजों की सुरक्षा और मेडिकल क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी.

बिहार का नया मुकाम

यह पहल बिहार को मेडिकल और नर्सिंग क्षेत्र में एक नई पहचान देगी. विदेशी भाषा प्रशिक्षण, कॉम्पिटेंसी सर्टिफिकेट और अत्याधुनिक प्रयोगशाला के साथ बिहार न केवल आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ने को तैयार है. यह कदम बिहार के युवाओं के लिए सुनहरे अवसर लाएगा और राज्य को नर्सिंग का ग्लोबल हब बनाएगा.

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