MP Politics: रामनिवास रावत के बाद कमलेश शाह को मिलेगा बगावत का इनाम? क्यों 17 जुलाई का है सबको इंतजार?
MP Politics: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कमलेश शाह का दबदबा एक बार फिर अमरवाड़ा सीट पर देखने को मिला है.
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MP Politics: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कमलेश शाह का दबदबा एक बार फिर अमरवाड़ा सीट पर देखने को मिला है. यहां से वे उपचुनाव में 3 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार में शाह की जीत का अंतर काफी है. लेकिन, इस जीत के बाद कमलेश शाह को लेकर एक बार फिर सुगबुगाहट तेज हो चली है. ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें दलबदल और जीत का ईनाम देने जा रही है.
कमलेश शाह के चुनाव जीतने के बाद से ही एक चर्चा सियासी गलियारों में तेज हो चली है. कि क्या अब कमलेश शाह को बीजेपी मंत्री बनाने जा रही है? ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में हुए कैबिनेट विस्तार के समय भी कमलेश शाह का नाम काफी चर्चा में था.
शाह को मिलेगा रावत जैसा ईनाम?
रामनिवास रावत को अग्नि परीक्षा के पहले ही मंत्री पद मिल चुका है. असली अग्नि परीक्षा अब रामनिवास रावत की शुरू होती है, क्योंकि मंत्री पद मिलने के बाद उन्हें विजयपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत दर्ज करनी ही पड़ेगी. तो वहीं कमलेश शाह को ईनाम मिलने से पहले ही अग्नि परीक्षा देनी पड़ी है. उन्होंने कम अंतर से ही सही पर अमरवाड़ा उपचुनाव में जीत दर्ज कर ली है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान कमलेश शाह को भी बड़ी जिम्मेदारी यानि कि मंत्री दे सकता है.
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शाह और रावत को एक साथ मिलेगा मंत्रालय?
फिलहाल रामनिवास रावत को मंत्री बने एक सप्ताह होने को है, पर उन्हें अभी तक मंत्रालय नहीं दिया गया है. ऐसा माना जा रहा है या यूं कहें कि राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि रावत और कमलेश शाह को एक साथ मंत्रालय दिया जाएगा. अब देखना होगा कि रामनिवास रावत के जैसे ही कमलेश शाह की किस्मत चमकती है या फिर वो केवल विधायक बने रहते हैं. हालांकि मंत्री पद को लेकर एक और कांग्रेसी विधायक निर्मला सप्रे भी आस लगाए बैठी हुई हैं. देखना होगा कि किसके अरमान पूरे होते हैं और कौन अपने आपको ठगा महसूस करता है.
17 तारीख का सबको इंतजार?
अगर भारतीय जनता पार्टी कमलेश शाह को मंत्री बनाती भी है तो उनको 17 जुलाई तक इंतजार करना होगा. क्योंकि राज्यपाल मंगुभाई पटेल इस अवधि तक गुजरात में निजी प्रवास पर हैं. इसके चलते अगर सीएम मोहन यादव नए विधायक को मंत्री बनाना चाहेंगे तो उन्हें राज्यपाल के लौटने तक इंतजार करना पड़ेगा.