कांग्रेस की तीसरी लिस्ट में भी नहीं आया निशा बांगरे का नाम, अब कैसे लड़ेंगी चुनाव? जानें
SDM Nisha Bangre: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद कांग्रेस (Congress) ने एक ओर लिस्ट जारी करके बड़ा दांव चला है. कई जगहों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के द्वारा ही विरोध किया जा रहा था. जिसके बाद कांग्रेस ने कई सीटों पर […]
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SDM Nisha Bangre: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद कांग्रेस (Congress) ने एक ओर लिस्ट जारी करके बड़ा दांव चला है. कई जगहों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के द्वारा ही विरोध किया जा रहा था. जिसके बाद कांग्रेस ने कई सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को बदल दिया है. लेकिन कांग्रेस की इस लिस्ट से सबसे बड़ा झटका इस्तीफा देने वाली एसडीएम निशा बांगरे (Nisha bangre) को लगा है.
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया था. जिसके बाद से उनके आमला सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोरों पर थीं. हालांकि कांग्रेस ने इस सीट पर कांग्रेस ने पहले ही प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया था, लेकिन माना जा रहा था कि अन्य सीटों पर मंथन के साथ आमला पर भी प्रत्याशी का नाम बदला जा सकता है. जानकारी के मुताबिक वे कमलनाथ से मुलाकात करने वाली थीं.
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कमलनाथ से मुलाकात के पहले ही खेला हो गया
कुछ समय पहले ऐसी खबरें सामने आ रही थीं कि वे पीसीसी चीफ कमलनाथ से मिलने जा रही हैं. जानकारी के मुताबिक कमनलाथ से मिलकर वे टिकट मांगने वाली थीं, लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस पार्टी ने तीसरी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में आमला विधानसभा का नाम नहीं है, ऐसे में साफ है कि निशा बांगरे कांग्रेस की बजाय किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ सकती हैं. निशा बांगरे ने कहा था कि फिलहाल किसी राजनीतिक दल से उनका संपर्क नहीं है. बांगरे के निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावनाएं ज्यादा हैं..
अब किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी निशा बांगरे
निशा बांगरे ने बयान देते हुए कहा, “चुनाव तो हम लड़ेंगे ही. लोकतंत्र का हिस्सा हम बनना चाहते हैं विधायिका भी उसका पार्ट है. तो निश्चित तौर पर मैं नामांकन भरूंगी. मैंने जिस समय इस्तीफा दिया था तो कारण लिखकर दिया था, कि मुझे अपने घर के उद्घाटन में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. फिर बाद में मुझे पता चला कि ये सब राजनैतिक कारणों से हो रहा है. मैं चाहती हूं कि देश में अच्छी व्यवस्था बनी रहे और व्यवस्था बनती है, अधिकारियों से और जननेताओं से. प्रशासनिक अधिकारी बनकर तो देख लिया. राजनैतिक मंशा अगर अच्छी हो तो व्यवस्था भी अच्छी हो सकती है.”
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निशा बांगरे ने कहा कि लोगों ने एक ऑप्शन के तौर पर मुझे पहले भी देखा था, इसीलिए बार-बार मेरा ट्रांसफर किया गया. उन्होंने ये भी कहा कि ग्रेजुअली हम यहां बढ़े हैं, मैं कभी किसी राजनैतिक दल से जुड़ी हुई नहीं रही हूं.
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