सिवनी में करोड़ों की लागत से बना नेशनल हाईवे पहली ही बारिश में उखड़ा, सामने आई भ्रष्टाचार की हकीकत
MP News: मध्य प्रदेश में बदहाल सड़कों की हकीकत किसी से छिपी नहीं है. आए दिन मध्य प्रदेश की सड़को पर कई लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं. लेकिन, इसके बाद भी न तो सड़क में सुधार होता है, और न ही सिस्टम इसे सुधारने का प्रयास करता है.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

पहली ही बारिश नहीं झेल पाया करोड़ों की लागत से बना नेशनल हाईवे

बारिश के बाद बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हुआ नेशनल हाईवे
MP News: मध्य प्रदेश में बदहाल सड़कों की हकीकत किसी से छिपी नहीं है. आए दिन मध्य प्रदेश की सड़को पर कई लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं. लेकिन, इसके बाद भी न तो सड़क में सुधार होता है, और न ही सिस्टम इसे सुधारने का प्रयास करता है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से है. यहां सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क ये पता लगाना बड़ा मुश्किल है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरी सड़क ही गड्ढों से भरी पड़ी है. लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
एक बारिश भी नहीं झेल पाई सड़क
दरअसल सिवनी को छिंदवाड़ा से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे नंबर 347 की तस्वीरें बदहाली बताने के लिए काफ़ी हैं. सिवनी से शुरू होकर छिंदवाड़ा ज़िले के चौरई तक सड़क का यही हाल है. सबसे हैरानी की बात ये है कि इस सड़क का निर्माण अभी चार महीने पहले ही किया गया है. 61 किमी लंबी इस सड़क को पूरी तरह से उखाड़कर करोड़ों रुपये की लागत से फिर से बनाया गया है. लेकिन, 4 महीने में ही ये सड़क दम तोड़ती नज़र आ रही है.
गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढे?
सड़क में कई जगह गड्ढे इतने ज़्यादा है कि यात्रियों को ज़िग्ज़ैग करते हुए गुज़रना पड़ता है. बंहोड़ी गांव की पहले सड़क के बीच का हिस्सा धंस गया है. इसीलिए उसके चारों ओर बैरिकेड लगाए गए हैं. हाइवे के कुछ हिस्से में मालूम ही नहीं होता कि सड़क के बीच में गड्ढे हैं या गड्ढों के बीच कहीं कहीं सड़क है. हाइवे की इस दुर्दशा के लिए निर्माण करने वाली कंपनी तो ज़िम्मेदार है ही लेकिन सवाल नितिन गड़करी के मातहत काम करने वाली NHAI पर भी उठता है. कि आख़िर 4 महीने पहले ही बने नेशनल हाइवे की ये दुर्दशा क्यों हो गई?
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क्या बोले स्थानीय लोग?
स्थानीय लोगों की माने तो इस सड़क से बेहतर उनके लिए पुरानी सड़क थी. ग्रामीणों ने कहा कि पहले ऐसे हालात नहीं थे. नए सड़क निर्माण के बाद हालात बहुत खराब हो गए हैं. राहगीर कहते हैं कि सरकार को शर्म करनी चाहिए कि इतने बड़े गड्ढों से होकर लोग कैसे निकलें? लोग कहते हैं इस सड़क को देखकर वाहन चलाने की हिम्मत नहीं होती है. सड़क की खस्ता हालत के कारण ही हर रोज कोई न कोई घटना सामने आती ही रहती है. स्थानीय लोगों की माने तो जब इस सड़क का निर्माण किया गया. तब इसकी गुणवत्ता को लेकर कोई ध्यान नहीं रखा गया. यही कारण है कि आज ऐसे हालात देखने को मिल रहे हैं.
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