‘गद्दारों के साथ हमारा विरोध शर्म आनी चाहिए’ दिग्विजय सिंह ने अपने भतीजे पर क्यों निकाला गुस्सा?

विकास दीक्षित

ADVERTISEMENT

NewsTak
social share
google news

MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों कई ऐसे प्रत्याशी हैं जो अपने ही परिवार के सामने चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि कई परिवारों के तकरार आ गई है. ऐसे ही दिग्विजय सिंह और मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य के बीच तलवारें खिंच गई हैं. इस अदावत की मुख्य वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया को माना जा रहा है. दरअसल छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के प्रचार के लिए दिग्विजय सिंह खेराड़ गांव पहुंचे थे. चुनावी सभा में दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दोबारा गद्दार करार दिया. दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कायर बताते हुए विचारधारा से समझौता करने वाला बताया.

दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में गए मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य रुद्रदेव सिंह को भी गद्दार करार दिया. दिग्विजय सिंह ने मंच से बयान देते हुए कहा कि “उनके भतीजे ने भी गद्दारों (ज्योतिरादित्य सिंधिया) का साथ दिया. आखिर क्या नहीं किया इस परिवार के लिए लेकिन उसके बाद भी गद्दारी की और गद्दारों के साथ मिलकर हमारा विरोध करता है शर्म आनी चाहिए”

दिग्विजय ने नाराजगी जाहिर करते हुए रुद्रदेव पर निशाना साधा

दिग्विजय सिंह और उनके परिवार के खिलाफ रुद्रदेव सिंह द्वारा अक्सर टिप्पड़ी की जाती है. रुद्रदेव सिंह अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे में शामिल हो गए हैं. दिग्विजय सिंह इसी बात से नाराज हैं. जिसके कारण समय-समय पर दिग्विजय की नाराजगी सामने आती रहती है.

भतीजे का पलटवार

वहीं मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य व दिग्विजय सिंह के भतीजे रुद्रदेव सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गद्दारी तो 2004 में लक्ष्मण सिंह ने की थी. जब वे कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे. रुद्रदेव ने कहा वे केवल सम्मान चाहते हैं. जो उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया है. इसी कारण यहां हूं.

ADVERTISEMENT

आपको बता दें रुद्रदेव सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और बीजेपी का दामन थाम लिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह के परिवार में सेंध लगाकर रुद्रदेव को बीजेपी में शामिल कराया था. तभी से रुद्रदेव सिंह लक्ष्मण सिंह के खिलाफ बयानबाज़ी करते रहते हैं. मधुसूदनगढ़ राजपरिवार दिग्विजय सिंह की नजदीकी रिश्तेदारी से जुड़ा हुआ है, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षाओं ने परिवार के बीच दरार पैदा कर दी है. इससे पहले राघोगढ़ में भी दिग्विजय सिंह के नजदीकी हिरेन्द्र सिंह ने कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी ,हिरेन्द्र सिंह अब बीजेपी से प्रत्याशी हैं ।

कौन हैं रूद्र देव सिंह?

राघोगढ़ किले का क्षेत्र तीन स्थानों तक फैला हुआ था. इसमें राघोगढ़, मधुसूदनगढ़ और गढ़ा शामिल था. एक ही परिवार द्वारा इन तीनों जगह शासन किया जाता था. रूद्र देव मधुसूदनगढ़ राजपरिवार से आते हैं. दिग्विजय सिंह के दादा और रूद्र देव के परदादा सगे भाई थे. यह परिवार मुख्य रूप से राजस्थान के छबड़ा जिले के गुगेर गांव का रहने वाला है. रूद्र देव के पिता महिपाल सिंह 10 वर्षों तक मधुसूदनगढ मंडी के अध्यक्ष रहे. इस समय रूद्र देव सिंधिया समर्थक हैं.

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़ें: ग्वालियर-चंबल में योगी आदित्यनाथ के दौरे कराकर BJP को क्या मिल पाएगा फायदा, जानें

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT