Satendra Singh Story: कमजोरी को बनाई ताकत और फिर...कौन हैं पद्मश्री से सम्मानित होने वाले सतेंद्र सिंह लोहिया?

एमपी तक

Satendra Singh Lohia: मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी सतेंद्र सिंह लोहिया को हाल ही में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मध्य प्रदेश को गौरांवित करने वाले लोहिया को खेल में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया गया है.

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Satendra Singh Lohia
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Satendra Singh Lohia: मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी सतेंद्र सिंह लोहिया (Satendra Singh Lohia) को हाल ही में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मध्य प्रदेश को गौरांवित करने वाले लोहिया को खेल में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया गया है. दोनों पैरों से दिव्यांग सतेंद्र हर किसी के लिए मिशाल हैं. आइए जानते हैं कि सतेंद्र सिंह लोहिया कौन हैं और उन्हें क्यों सम्मानित किया गया है. 

सतेंद्र सिंह लोहिया इंटरनेशनल पैरा स्वीमर हैं. लोहिया इंग्लिश चैनल पार करने वाले एशिया के पहले पैरा स्वीमर हैं. इसके अलावा भी उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं.

बीमारी को बनाया ताकत

सतेंद्र सिंह लोहिया हर किसी के लिए मिशाल हैं. दरअसल, ग्वालियर के रहने वाले सतेंद्र के पैर पोलियो की वजह से बचपन से ही कमजोर थे. दिव्यांगता दूर करने के लिए उनके परिजनों ने वॉटर थेरेपी करवाई और यहीं से उनके मन में तैराक बनने का जुनून सवाल हो गया. अपनी बीमारी को सतेंद्र ने अपनी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत बना लिया. 

जीते कई गोल्ड, अब मिला राष्ट्रपति सम्मान

सतेंद्र सिंह लोहिया ने 2007 में तैराकी शुरू की थी. वे अब तक 7 राष्ट्रीय और 3 अंतर्राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 20 पदक जीत चुके हैं. उन्हें मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा खेल सम्मान विक्रम अवार्ड मिल चुका है. सतेंद्र को 2019 में देश के सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी के खिताब से भी नवाजा जा चुका है. सतेंद्र सिंह लोहिया ने अब तक 5 स्वर्ण पदकों को अपने नाम किया है. अब उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.  

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शुरुआत के दिनों में सतेंद्र का साथ तत्कालीन ग्वालियर कलेक्टर पी नरहरि ने दिया. नरहरि न केवल लोहिया को अपने लक्ष्य पर डटे रहने के लिए प्रेरित करते थे, बल्कि कई कॉम्पिटीशन में वह उनके साथ भी जाया करते थे और उन्हें मोटिवेट भी करते थे. राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने पर लोहिया ने खुशी जताई है.

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