Ratan tata को कोर्ट के आदेश के बाद भी Mamata Banerjee क्यों नहीं देना चाहती मुआवजा? मामला क्या है?

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Why does Mamata Banerjee not want to give compensation to Ratan Tata even after the court order? What is the matter?

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जो लोग कार नहीं खरीद सकते उनको कार दिलाने के लिए रतन टाटा ने सपना देखा था। उस सपने का नाम था नैनो कार और उसकी कीमत सिर्फ एक लाख रूपये। नैनो कार लॉन्च हुई तो रतन टाटा ने खुद नैनो ड्राइव की थी। सपना बड़ा था लेकिन पूरा होने से पहले चूर-चूर हो गया। नैनो कार बंद हो चुकी है। कभी-कभार सड़क पर दिख जाया करती है नैनो। 15 साल बाद टाटा मोटर्स के हक में एक फैसला आया है। ट्रिब्यूनल ने ममता सरकार को आदेश दिया है कि टाटा मोटर्स को हुए नुकसान के एवज में 766 करोड़ रुपये और 11% ब्याज दे। नैनो से टाटा मोटर्स को करीब एक हजार करोड़ का नुकसान माना जाता है। टाटा मोटर्स ने सिंगूर नुकसान के बदले 934 करोड़ मांगे थे। ट्रिब्यूनल ने 766 करोड़ प्लस 11 परसेंट ब्याज देने का आदेश दिया है। पैसे मिल गए तो टाटा के नुकसान की भरपाई हो जाएगी लेकिन ममता सरकार एक चवन्नी देने को तैयार नहीं हैं।

Why does Mamata Banerjee not want to give compensation to Ratan Tata even after the court order? What is the matter?

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