मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार होने जा रहे रिटायर, इधर CEC की नियुक्ति पर विवाद पहुंचा सुप्रीम कोर्ट !

रूपक प्रियदर्शी

2023 में सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का कानून पलट दिया गया था. पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी सिलेक्शन टीम के मेंबर होते थे. जिस समय ये सब हुआ तब डीवाई चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस होते थे.

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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार
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मुख्य चुनाव राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर होने वाले हैं . नया CEC कौन होगा इसकी अभी तक कोई चर्चा नहीं है. पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी की टीम को नए मुख्य चुनाव आयुक्त के सिलेक्शन चर्चा करनी है. नाम शॉर्टलिस्ट करके सिफारिश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजनी है. तब जाकर नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त होगा. समय कम है, हलचल ज्यादा नहीं है, लेकिन विवाद घनघोर है. 

2023 में सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का कानून पलट दिया था. पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी सिलेक्शन टीम के मेंबर होते थे. जिस समय ये सब हुआ तब डीवाई चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस होते थे. अब संजीव खन्ना चीफ जस्टिस हैं. सरकार ने जब चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का कानून पलटा तब चीफ जस्टिस को सिलेक्शन कमेटी से बाहर कर दिया. पीएम, कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेता की नई टीम बन गई. इसी बदलाव के खिलाफ 2023 के CEC कानून को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है. 

समय नहीं है-याचिकाकर्ता Association for Democratic Reforms ADR के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से इसी ग्राउंड पर जल्दी सुनवाई की गुजारिश की थी. 12 फरवरी को सुनवाई हो नहीं सकी. अगली सुनवाई की डेट 19 फरवरी लगी, लेकिन तब तक 18 फरवरी को राजीव कुमार रिटायर हो चुके होंगे.  हो सकता है सरकार नई नियुक्ति की कोशिश करे. इसी महीने संसद में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि चीफ जस्टिस को हटा दिया गया. मोदी, शाह के सामने अकेले मैं क्या ही कर लूंगा. 

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने राइडर लगाकर बड़ा खेल कर दिया. सुनवाई पूरी नहीं हुई, फैसला नहीं आया, नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर भी रोक नहीं लगी, लेकिन  जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोर्ट का फैसला आएगा. भले ही इस बीच कुछ हुआ हो, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है.  जस्टिस सूर्यकांत के आदेश को प्रशांत भूषण ने सोशल मीडिया पर ऐसे समझाया कि कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि सीईसी की कोई भी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के फाइनल जजमेंट के तहत होगी. 

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सुप्रीम कोर्ट से प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को नियंत्रित नहीं कर सकती, क्योंकि ये लोकतंत्र के लिए खतरा होगा. सरकार चीफ जस्टिस को सेलेक्शन कमेटी से नहीं हटा सकती, जिसे बनाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2023 को दिया था. तब कोर्ट ने CEC और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पीएम, विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस को लेकर सलेक्शन कमेटी बनाने को कहा था. सरकार ने खेल करते हुए पीएम, विपक्ष के नेता कमेटी में को रख लिया. चीफ जस्टिस वाली सीट एक कैबिनेट मंत्री को दे दी. 9 जनवरी की सुनवाई में बेंच ने कहा कि ये आर्टिकल 141 के तहत कोर्ट की राय वर्सेज कानून बनाने की विधायी शक्ति का मामला है. कोर्ट देखेगा कि कौन सुप्रीम है.

15 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में बने कानून के आधार पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने से मना किया था.
राजीव कुमार 2020 से चुनाव आयुक्त थे. पुराने कानून से 2022 में मुख्य चुनाव आयुक्त प्रमोट हुए. तब इतनी चर्चा भी नहीं होती थी कि नाम की सिफारिश करने वाले कौन-कौन लोग थे. राजीव कुमार के समय सरकार से चुनाव आयोग की नजदीकियां बढ़ीं. विपक्ष से चुनाव आयोग की लड़ाई तेज हुई तो इतना सारा बवाल खड़ा हो गया. 

मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू की नियुक्ति 2023 में बने कानून से हुई. याचिकाकर्ता एडीआर की मांग है कि चीफ जस्टिस को बाहर करके 2023 में जो कानून बना उस पर ही रोक लगाई जाए. एक और याचिकाकर्ता जया ठाकुर की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को 2023 के कानून के मुताबिक नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने से रोके.

2022 सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली पीठ ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का ज़िक्र करते हुए कहा कि चुनाव आयुक्त के कंधों पर बहुत सारी ज़िम्मेदारियां होती हैं. इसलिए इस पद पर किसी ऐसे शख़्स की ज़रूरत है जिसे दबाया न जा सके. 

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