अदाणी ग्रुप ने न्यूज एजेंसी IANS में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी, जानिए क्या है इसका मतलब

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अदाणी ने खरीदी IANS न्यूज एजेंसी
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Adani buys IANS: अदाणी ग्रुप ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस (IANS) को खरीद लिया है. इससे मीडिया में अदाणी ग्रुप का दखल और बढ़ गया है. ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अपनी एक्सपेंशन योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. अब उसने एक बार फिर से अपनी एक्सपेंशन योजनाओं को बढ़ाना शुरू कर दिया है. अदाणी ग्रुप मीडिया सेक्टर में अपना दबदबा बढ़ा रही है.

अदाणी ग्रुप मीडिया सेक्टर में कर रहा है अपना विस्तार

अदाणी ग्रुप ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर ली है. शेयर मार्केट को दी गई जानकारी के मुताबिक अदाणी की AMG Media Networks Limited (AMNL) ने IANS इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के इक्विटी शेयरों में 50.50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है. हालांकि, कंपनी ने अधिग्रहण मूल्य का खुलासा नहीं किया है. IANS का पूरा कंट्रोल AMG Media Networks के पास रहेगा. कंपनी को IANS में सभी डायरेक्टर्स नियुक्त करने का अधिकार रहेगा. अब IANS एजेंसी AMNL की सब्सिडरी होगी. बता दें IANS, भारत में 26 दिसंबर 1994 में दिल्ली में रजिस्टर हुई थी. वित्त वर्ष 2022-23 में IANS का रेवेन्यू 11.86 करोड़ रुपये रहा था.

एनडीटीवी और बीक्यू प्राइम पहले ही खरीद चुका है अदाणी समूह

बता दें अदाणी ग्रुप के पास पहले से ही दो मीडिया कंपनी है. पिछले साल मार्च में Quintillion Business Media (क्विंटिलॉन बिजनेस मीडिया) को खरीदा था, जो कि BQ Prime नाम से डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म चलाती है. वहीं इसके बाद दिसंबर में Adani Group ने NDTV में 65 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. इन दोनों कंपनियों को भी AMG Media Networks (एएमएनएल ) ने ही खरीदा था.

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एग्रो ट्रेडिंग, पोर्ट, मीडिया के अलावा कई क्षेत्रों में फैला है अदाणी साम्राज्य

अब अदाणी के खाते में तीसरी मीडिया कंपनी आ गई है. गौतम अदाणी ने कमोडिटी ट्रेडर के तौर पर बिजनेस की शुरुआत की थी. इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर, पोर्ट, एयरपोर्ट, एफएमसीजी, कोयला, ऊर्जा प्रबंधन, डेटा सेंटर, सीमेंट और कॉपर सेक्टर में भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली. हाल ही में अदाणी ग्रुप ने एक निजी नेटवर्क स्थापित करने के लिए 5G टेलीकॉम स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई और अधिग्रहण भी किया.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट से समूह को लगा था तगड़ा झटका

इस साल जनवरी में आए अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के ग्रुप को तगड़ा झटका दिया. हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट के चलते अदाणी को करोड़ों का नुकसान हुआ. अडानी की कंपनी के शेयर लगातार गिरते चले गए. हालांकि, हाल ही में अमेरिकी सरकार की जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल गई. अमेरिका की सरकार ने अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग के रिपोर्ट को गलत ठहराया. इसके साथ ही वापस अदाणी ग्रुप पॉजिटिव नोट में आगे बढ़ता दिख रहा है.

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