IAS को घूस ऑफर करके फंसे चिकबल्लापुर से बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. के. सुधाकर, जानिए कौन है ये?
सुधाकर के ठिकाने से 4 करोड़ 80 लाख कैश बरामद भी किया गया. ये सब हुआ कर्नाटक में पहले फेज के चुनाव से ठीक पहले जिसमें सुधारक की सीट भी शामिल थी.
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Dr. K. sudhakar: लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के चिकबल्लापुर के बीजेपी उम्मीदवार डॉ. के. सुधाकर ने बड़े-बड़े कांड करके बीजेपी को फंसा दिया है. चुनाव में वोटरों को कैश बांटने का आरोप, बेनामी 4 करोड़ 80 लाख कैश की जब्ती के साथ-साथ आईएएस अफसर को घूस देने के आरोप में घिर गए हैं सुधाकर. रिश्वतखोरी और वोटरों पर अनुचित प्रभाव डालने के आरोप में सुधाकर के खिलाफ चुनाव आयोग ने ताबड़तोड़ केस दर्ज कराया है. चुनाव आयोग के नियमों को हल्ले में लेकर सुधाकर ने अपने और बीजेपी के लिए मुश्किलों की मोटी दीवार खड़ी कर दी है. चिक्कबल्लापुरा लोकसभा सीट पर के सुधाकर कांग्रेस उम्मीदवार रक्षा रमैया के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव पहले से कड़ा था. इतना कड़ा कि सुधाकर को जिताने के लिए चिक्कबल्लापुरा में पीएम मोदी तक को प्रचार करने आना पड़ा.
आईएएस मुनीश मुदगल को लीड मिली थी कि, गांव के किसी घर में वोटरों को बांटने के लिए 10 करोड़ कैश रखे हुए हैं. उन्होंने इनकम टैक्स, फ्लाइंग स्क्वॉयड, सर्विलांस टीम, डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के साथ धावा बोल दिया. ठिकाने से 4 करोड़ 80 लाख कैश बरामद भी किया गया. ये सब हुआ कर्नाटक में पहले फेज के चुनाव से ठीक पहले जिसमें सुधाकर की सीट भी शामिल थी.
हालांकि इतने के बाद भी सुधाकर नहीं माने. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जब्त कैश रिलीज करने के लिए सुधाकर आईएएस मुनीश मुदगल के पीछे पड़ गए. दरअसल मुदगल कर्नाटक में चुनाव आयोग से नियुक्त मॉडल कोड ऑफ कंड़क्ट ऑफिसर हैं. सुधाकर उन्हीं से वाट्स अप कॉल और मैसेज करके जब्त पैसा निकलवाने के लिए मदद मांगने लगे. आईएएस की शिकायत पर सुधाकर पर एक और एफआईआर हो गया है.
अब जानिए डॉ. के. सुधाकर के बारे में
लोकसभा चुनाव में सुधाकर को बीजेपी ने प्रमोशन दिया था. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हारने के बाद भी चिक्कबल्लापुरा लोकसभा सीट से बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया. 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. बीजेपी के ऑपरेशन लोटस का हिस्सा रहे. बीजेपी के कहने पर कांग्रेस के उन 15 विधायकों में शामिल हुए जिन्होंने पाला बदलकर कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरा दी थी. ऐसे विधायकों को बीजेपी ने 2019 में चुनाव लड़ाकर दोबारा विधायक बनाया था. सुधाकर येदियुरप्पा और बोम्मई की सरकारों में मंत्री बने. कोविड के समय कर्नाटक में वही स्वास्थ्य मंत्री थे.पेशे से डॉक्टर डॉ. सुधाकर कर्नाटक के अमीर उम्मीदवारों में से है. नामांकन के साथ उन्होंने 33 करोड़ की संपत्ति डिक्लेयर की है. वैसे उनपर 20 करोड़ की देनदारी भी है.
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चिक्कबल्लापुरा लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. 2019 में यह सीट बीजेपी ने जीती थी. 2014 और 2019 में कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरप्पा मोइली कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतते रहे. 1962 से सिर्फ 2 चुनाव छोड़कर कांग्रेस के पास चिक्कबल्लापुरा लोकसभा सीट रही. कांग्रेस ने चिक्काबल्लापुर लोकसभा सीट 1977 से 1991 और 1998 से 2014 के बीच 5-5 जीती थी.
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