22 घंटे पहले राहुल गांधी के ट्वीट को किया रीट्वीट फिर BJP में शामिल हो गए बॉक्सर विजेंद्र, जाने इनकी कहानी 

अभिषेक

विजेंदर के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की भी चर्चा चल रही है. हालांकि वो कहा से चुनाव लड़ेंगे इसपर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. 

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Boxer Vijender Singh joins BJP: बॉक्सर से राजनेता बने विजेंदर सिंह बेनीवाल ने आज कांग्रेस पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विजेंदर सिंह का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उन्हें राहुल गांधी का बहुत करीबी माना जाता था. वैसे आपको बता दें कि, विजेंदर सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे. हालांकि बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी के हाथों उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था. अब 2024 के चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी शिफ्ट करते हुए बीजेपी का दामन थम लिया है. आइए आपको बताते हैं बॉक्सर विजेंदर सिंह की कहानी. 

विजेंदर के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की भी चर्चा चल रही है. हालांकि वो कहा से चुनाव लड़ेंगे इसपर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. 

ये है वो वीडियो जिसे राहुल गांधी ने ट्वीट किया था फिर इसे 22 घंटे पहले विजेंदर सिंह ने रीट्वीट किया था. 

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कौन हैं विजेंदर सिंह बेनीवाल

विजेंदर सिंह का जन्म 29 अक्टूबर 1985 को हरियाणा के भिवानी से 5 किलोमीटर दूर कालूवास गांव में एक जाट परिवार में हुआ था. उनके पिता महिपाल सिंह बेनीवाल हरियाणा रोडवेज में बस ड्राइवर हैं, जबकि उनकी मां एक गृहिणी हैं. उनके पिता की कहानी ये है कि, अपने बच्चों विजेंदर और उनके बड़े भाई मनोज की शिक्षा के लिए उन्होंने रोडवेज की नौकरी में अतिरिक्त वेतन के लिए ओवरटाइम यानी तय घंटों से ज्यादा गाड़ी चलाई. विजेंदर ने अपनी प्राथमिक शिक्षा कालुवास में की, माध्यमिक स्कूली शिक्षा भिवानी से की फिर उन्होंने वैश्य कॉलेज, भिवानी से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. विजेंदर सिंह की शादी साल 2011 में अर्चना सिंह से हुई. 

विजेंदर के परिवार की स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी. अपने परिवार के बेहतरी के लिए उन्होंने मुक्केबाजी सीखने का फैसला किया. विजेंदर को मुक्केबाजी के लिए अपने बड़े भाई मनोज, जो खुद एक मुक्केबाज थे से प्रेरणा मिली. विजेंदर के बड़े भाई मनोज साल 1998 में अपनी मुक्केबाजी की योग्यता के आधार पर भारतीय सेना में शामिल हो गए तब उन्होंने विजेंदर को आर्थिक सहयोग किया ताकि वह अपना मुक्केबाजी प्रशिक्षण जारी रख सकें. विजेंदर ने बॉक्सिंग को रुचि और जुनून से बढ़कर एक करियर विकल्प के तौर पर अपनाया. फिर उन्होंने अपने कैरियर में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीतें. जनवरी 2010 में विजेंदर सिंह को भारतीय खेलों में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था. 

ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले बॉक्सर बने थे विजेंदर 

विजेंदर सिंह ने साल 2003 में एफ्रो एशियन गेम्स जीतने के बाद 2004 में होने वाले एथेंस गेम्स के लिए क्वालिफाई कर सभी को चौंका दिया था. फिर 2006 के एशियन गेम्स में विजेंदर ने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता. उसके बाद साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. यह पहला ऐसा मौका था जब किसी मुक्केबाज ने ओलंपिक खेलों में कोई पदक जीता हो. इसके बाद उन्होंने 2009 में हुए विश्व चैंपियनशिप और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता. जून 2015 में विजेंदर सिंह पेशेवर मुक्केबाज बन गए. 

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