बीजेपी में साइडलाइन हो चुकीं स्मृति ईरानी ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्यों खुद की तुलना 'सचिन तेंदुलकर' से की?

विजय विद्रोही

Smriti Irani: 2024 में अमेठी से हार और मोदी कैबिनेट से बाहर होने के बाद स्मृति ईरानी ने बीकानेर में खुद की तुलना सचिन तेंदुलकर से कर नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है. यह बयान सिर्फ आत्मविश्वास नहीं, बल्कि बीजेपी नेतृत्व के लिए एक सूक्ष्म संदेश भी माना जा रहा है.

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Smriti Irani: From parivar to politics
बीजेपी नेता स्मृति ईरानी (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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स्मृति ईरानी, जो कभी बीजेपी की तेज-तर्रार नेता और केंद्रीय मंत्री थीं, आज सियासी हाशिए पर नजर आ रही हैं. 2024 में अमेठी से लोकसभा चुनाव हारने के बाद उनकी सियासी स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं. हाल ही में राजस्थान के बीकानेर में स्ट्रिंगरों से बातचीत में स्मृति ने खुद की तुलना क्रिकेट दिग्गज सचिन तेंदुलकर से की. क्या यह तुलना बीजेपी नेतृत्व को संदेश देने की कोशिश है, या सियासत में उनकी प्रासंगिकता बनाए रखने का प्रयास? आइए, इस खबर की पड़ताल करते हैं.

सचिन से तुलना का मतलब क्या है?

स्मृति ईरानी ने बीकानेर में स्ट्रिंगरों के एक सवाल के जवाब में कहा, "सचिन तेंदुलकर चाहे क्रीज पर हों या बेंच पर, उनकी प्रतिभा को कोई भुला नहीं सकता." उन्होंने आगे कहा कि "कैप्टन तय करता है कि खिलाड़ी को कब मैदान में उतारना है." यह बयान स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेतृत्व की ओर इशारा करता है. स्मृति ने यह जताने की कोशिश की कि उनकी सियासी प्रतिभा अभी भी बरकरार है, भले ही वह फिलहाल "बेंच" पर हों. लेकिन क्या यह तुलना उनकी सियासी अनिश्चितता को दर्शाती है?

अमेठी की हार और सियासी उतार-चढ़ाव

स्मृति ईरानी का सियासी सफर हमेशा चर्चा में रहा है. 2014 में राहुल गांधी से अमेठी में हारने के बावजूद उन्हें मानव संसाधन विकास जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी. 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को हराकर अमेठी में जीत हासिल की और केंद्रीय मंत्री बनीं. लेकिन 2024 में फिर से अमेठी में हार ने उनके सियासी करियर को झटका दिया. एक साल बीतने के बाद भी उन्हें न तो मंत्रिमंडल में जगह मिली, न ही राज्यसभा में एंट्री, और न ही बीजेपी संगठन में कोई बड़ा पद.

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स्मृति ईरानी का बदला हुआ व्यवहार

पहले स्मृति ईरानी पत्रकारों और स्ट्रिंगरों पर भड़कने के लिए जानी जाती थीं. लेकिन बीकानेर में उनका अंदाज बदला हुआ था. स्ट्रिंगरों के सवालों पर वे हंसती और मुस्कुराती रहीं. जब उनसे पूछा गया कि रवनीत सिंह बिट्टू जैसे नए बीजेपी नेता को हार के बावजूद मंत्रिमंडल में जगह मिली, लेकिन उन्हें नहीं, तो उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया. यह बदलाव उनकी वर्तमान सियासी स्थिति की बेचैनी को दर्शाता है.

क्या अब फिर से एंटरटेनमेंट में वापसी?

चर्चा यह भी है कि स्मृति ईरानी ने हाल ही में एक टीवी सीरियल की शूटिंग शुरू की है. क्या यह इस बात का संकेत है कि सियासत में जगह न मिलने पर वे अपने पुराने पेशे, यानी मनोरंजन की दुनिया, में लौट रही हैं? कुछ लोग कहते हैं कि राजनीति भी अपने आप में एक मनोरंजन है. स्मृति का यह कदम सियासी और मनोरंजन जगत में नई चर्चा का विषय बन गया है.

बीजेपी में भविष्य की उम्मीद

स्मृति ईरानी ने बीकानेर से बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को संदेश भेजने की कोशिश की है कि "हमें भूल मत जाना." लेकिन गठबंधन सरकार की मजबूरियों के बीच, जैसे चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार और एकनाथ शिंदे जैसे सहयोगियों को मंत्रिमंडल में जगह देना, स्मृति के लिए केंद्र में सियासी हिस्सेदारी मुश्किल नजर आती है. क्या वे संगठन में कोई नया पद हासिल कर पाएंगी, या सियासत से दूरी बनाएंगी?

स्मृति का अगला कदम 

स्मृति ईरानी की सचिन तेंदुलकर से तुलना और टीवी सीरियल की शूटिंग की खबरें उनके सियासी और निजी करियर के नए मोड़ की ओर इशारा करती हैं. क्या वे बीजेपी में अपनी प्रासंगिकता बनाए रख पाएंगी, या मनोरंजन की दुनिया में नई शुरुआत करेंगी? यह सवाल अभी अनुत्तरित है, लेकिन उनकी यह कहानी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

यहां देखें वीडियो 

 

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