ED ने जबरन कराया साइन, नहीं दिया किसी नेता को पैसा… कोर्ट में पलट गया महादेव ऐप का आरोपी
‘आरोपी असीम दास ने जेल से ED निदेशक को एक पत्र लिखा था जिसकी प्रतियां PMO को भी भेजी थी. पत्र में उन्होंने लिखा था कि उन्हें गलत तरीके से इस मामले में फंसाया जा रहा है.
Mahadev App News: छत्तीसगढ़ के चुनावों के दौरान महादेव बेटिंग ऐप के जिस मामले ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संकट में घेरा अब उसमें एक नया मोड़ आया है. बेटिंग ऐप के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार आरोपी असीम दास ने विशेष अदालत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर लगाए सभी आरोपों से इनकार कर दिया है और उसे फंसाने की साजिश बताया है. बता दें कि इससे पहले इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने दास के बयान को आधार बनाते हुए ये दावा किया था कि महादेव एप के प्रमोटरों ने प्रदेश के CM बघेल को 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया है.
ED ने असीम दास और पुलिस आरक्षक भीम सिंह यादव पर महादेव ऐप के प्रमोटरों से नकदी लेकर CM भूपेश बघेल को पहुंचाने का आरोप लगाते हुए तीन नवंबर को गिरफ्तार किया था. इसी मामले में असीम दास की पेशी विशेष अदालत में हुई थी, जहां उसने अपने पुराने बयान से पलटी मार दी.
ED निदेशक को लिखे पत्र में क्या-क्या लिखा असीम दास ने
असीम दास के वकील शोएब अल्वी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि, ‘दास ने जेल से ED निदेशक को एक पत्र लिखा था जिसकी प्रतियां PMO को भी भेजी थी. पत्र में उन्होंने लिखा था कि उन्हें गलत तरीके से इस मामले में फंसाया जा रहा है. वही जांच एजेंसी ED ने अंग्रेजी में लिखे बयान पर जबरन उनसे साइन कराया जबकि उन्हें अंग्रेजी भाषा समझ भी नहीं आती’. अल्वी ने कोर्ट से इस पत्र को रिकॉर्ड के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया है. वही उन्होंने ये भी बताया कि सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों की न्यायिक हिरासत सात दिन के लिए बढ़ा दिया.
महादेव बेटिंग ऐप का पूरा मामला जान लीजिए
यह ऐप सट्टेबाजी और जुआ जैसी गतिविधियों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है. इससे क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, पोकर और कार्ड गेम के अलावा कई तरह के लाइव गेम में अवैध सट्टेबाजी की जाती है. इसपर चुनावों में जीत-हार पर भी सट्टा लगाया जाता है. कुल मिलकर यह एक तरीके से कई वेबसाइट और गेमिंग ऐप का सिंडिकेट है.
महादेव ऐप के प्रमोटरों पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश को अवैध रूप से 508 करोड़ से ज्यादा रुपए देने का आरोप है. इनमें प्रमुख नाम शुभम सोनी और सौरभ चंद्राकर का है. CM बघेल पर ऐप के प्रमोटरों को संरक्षण देने का भी आरोप है. इसी मामले में ED मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच कर रही है. पर अब आरोपी के पलटने और ED पर गंभीर आरोप लगाने के बाद कांग्रेस कह रही है कि जानबूझकर चुनावों में इसे मुद्दा बनाया गया.