7 महीने से अरेस्ट पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ को मिली बेल, कौन हैं ये जो आपातकाल में भी गए थे जेल?
पुरकायस्थ अभी तो UAPA के तहत जेल में थे लेकिन वो इससे पहले साल 1975 में इमरजेंसी के दौरान आंतरिक सुरक्षा रखरखाव एक्ट(MISA) के तहत भी जेल जा चुके है.
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NewsClick Case: ऑनलाइन मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को सुप्रीम कोर्ट(SC) से बड़ी राहत मिली है. उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट (UAPA) के तहत मामला चल रहा था. उन्हें राष्ट्रविरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए चीन से फंडिंग लेने के मामले में पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया था. तभी से वो जेल में ही थे. उनकी तरफ से गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आज SC में सुनवाई हुई. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने पुलिस को फटकार लगाते हुए तुरंत रिहाई का आदेश दिया. आइए आपको बताते हैं आखिर क्या है ये पूरा मामला.
पहले जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहते हुए दिया जमानत का आदेश
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि गिरफ्तारी के वक्त पुरकायस्थ को रिमांड कॉपी यानी गिरफ्तारी का आधार नहीं दिया था. उन्होंने कहा बिना कारण बताए हुई गिरफ्तारी को सही नहीं माना जाएगा. इसलिए प्रबीर पुरकायस्थ जमानत के हकदार है. हालांकि इस मामले में पुरकायस्थ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने की वजह से उन्हें निचली अदालत से जमानत लेनी होगी और ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्तें भी लगा सकता है.
अब जानिए क्या है पूरा मामला?
इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने करीब तीन साल पहले जांच में पाया कि मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक को विदेशों से फंडिंग मिल रही है. जांच में पता चला कि अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम की ओर से न्यूजक्लिक को लगातार फंडिंग दी गई. आपको बता दें कि, नेविल पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के साथ संबंध के आरोप लगते रहे हैं. ED की जांच में पता चला था कि, तीन साल में न्यूजक्लिक को करीब 38 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली थी और इसे तीस्ता सीतलवाड़ समेत कई लोगों में बांटा गया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अगस्त 2023 को न्यूजक्लिक और इसके संस्थापक के खिलाफ UAPA के तहत एफआईआर दर्ज की थी. इसके साथ अक्टूबर 2023 में न्यूजक्लिक के संपादक समेत कई पत्रकारों, समाजसेवियों के ठिकानों पर ED की स्पेशल सेल ने रेड की थी.
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तब पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की थी और उनके मोबाईल और लैपटॉप जब्त किए थे. पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था. बता दें कि, अमित चक्रवर्ती इस मामले में अब सरकारी गवाह बन चुके हैं.
पुरकायस्थ इमरजेंसी में भी जा चुके हैं जेल
प्रबीर पुरकायस्थ न्यूज क्लिक के प्रधान संपादक हैं. वो 74 साल के है. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई किया हुआ है. उन्होंने एनरॉन ब्लोआउट: कॉर्पोरेट कैपिटलिज्म एंड थेफ्ट ऑफ द ग्लोबल कॉमन्स नाम की एक किताब भी लिखी हुई है. आपको बता दें कि, पुरकायस्थ अभी तो UAPA के तहत जेल में थे लेकिन वो इससे पहले साल 1975 में इमरजेंसी के दौरान आंतरिक सुरक्षा रखरखाव एक्ट(MISA) के तहत भी जेल जा चुके है. तब वो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र आंदोलनों में भाग लिया करते थे.
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