TMC की सांसद मिमी चक्रवर्ती को ये क्या हो गया, इस्तीफा लेकर ममता के पास क्यों पहुंच गईं?

रूपक प्रियदर्शी

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Mimi Chakraborty: ममता बनर्जी के दिन आजकल ठीक नहीं चल रहे हैं. पहले कांग्रेस के साथ सब ठीक नहीं था इसलिए उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया लेकिन अब उनकी खुद की पार्टी में भी सब ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी की हाईप्रोफाइल सांसद मिमी चक्रवर्ती ने समय से पहले ही लोकसभा की सदस्यता से पार्टी सुप्रीमो ममता को इस्तीफा सौंप दिया है. आज कोलकाता में ममता से मिलने मिमी चक्रवर्ती विधानसभा गईं थी जहां उन्होंने ममता से कहा, ‘Politics is not my Cup of Tea’ यानी राजनीति मेरे बस की बात नहीं. हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि, मिमी चक्रवर्ती अपने चुनाव क्षेत्र जादवपुर में तृणमूल नेताओं की हरकतों से परेशान थीं.

पिछले हफ्ते ममता को मिमी चक्रवर्ती जैसा झटका घाटल के सांसद और बांग्ला फिल्मों में देब के नाम से चर्चित दीपक अधिकारी ने भी दिया था. उन्होंने संसद सदस्यता छोड़ने से पहले चुनाव क्षेत्र की कई समितियों से इस्तीफा दिया था. हालांकि बाद में ममता और अभिषेक बनर्जी से मिलने के बाद उनका टिकट दोबारा कन्फर्म हो गया. दीपक अधिकारी के इस्तीफे पर बंगाल बीजेपी ने कहा था कि, ये तो बस ट्रेलर है. अब आशंका ये जताई जा रही है कि, कहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद बीजेपी के इशारे पर तो चुनाव से पहले इस्तीफे नहीं दे रहे हैं?

2019 में हाईप्रोफाइल रहा था बंगाल का चुनाव

ममता बनर्जी ने 2019 चुनाव जीतने के लिए कई हाईप्रोफाइल सेलिब्रिटी को पार्टी में लाकर लोकसभा का चुनाव लड़ाया था. नुसरत जहां, महुआ मोइत्रा के साथ मिमी चक्रवर्ती भी उन्हीं में से एक थीं. मिमी चक्रवर्ती करियर पॉलिटिशन नहीं हैं. वो बांग्ला फिल्मों की एक्ट्रेस हैं जो ममता के कहने पर राजनीति में आ गईं और चुनाव जीतकर संसद पहुंच गईं. फिल्मों की चमक-दमक भरी दुनिया से आने के कारण नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती को ग्लैमरस सांसद कहा जाता है.

5 साल में ही मिमी चक्रवर्ती की राजनीति डगमगाने लगी है. वैसे तृणमूल कांग्रेस ने अभी तक ये कन्फर्म नहीं किया है कि, वो फिर से मिमी को लोकसभा चुनाव लड़ाएगी या नहीं. ममता को इस्तीफा भेजने से एक दिन पहले मिमी ने औद्योगिक मामलों और ऊर्जा संबंधित दो संसदीय समितियों से भी इस्तीफा दिया था. वो इस्तीफा भी उन्होंने स्पीकर को नहीं बल्कि पार्टी के संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को भेजा था. उससे भी पहले मिमी ने जादवपुर की रोगी कल्याण समितियों से भी इस्तीफा दिया था. मिमी कह रही हैं कि, वो अगला चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं. मिमी ने यह भी कहा कि, वो 2022 में भी सांसद पद से इस्तीफा देना चाहती हैं. तब ममता ने इजाजत नहीं दी थी.

क्या मिमी को हैं टिकट कटने का डर?

2019 में जब ममता ने जलपाईगुड़ी की मिमी चक्रवर्ती को चुना था तब उनकी उम्र सिर्फ 30 साल थी. अब 35 की हैं मिमी. ममता ने लोकसभा सीट चुनी थी कभी उसी सीट से ममता बनर्जी का राजनीतिक करियर शुरू हुआ था. 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने अपने पहले चुनाव में जादवपुर से सीपीएम के धाकड़ नेता सोमनाथ चटर्जी को हराकर नेशनल सेंसेशन मचाया था. हालांकि दोबारा वो कभी जादवपुर से लड़ी नहीं.

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हो सकता है मिमी चक्रवर्ती को टिकट कटने का डर हो. 2009 से जादवपुर की सीट तृणमूल कांग्रेस जीत रही है लेकिन ममता ने कभी भी सांसद को दोबारा चुनाव लड़ने नहीं भेजा. हालांकि मिमी ने पहले ही चुनाव में बीजेपी के अनुपम हजारिका को करीब 3 लाख वोटों से हराया था. संसद में मिमी चक्रवर्ती की चर्चा बहुत रही लेकिन हाजिरी बहुत कम रही. बेहद सामान्य परफॉर्मेंस वाली सांसदों से हैं मिमी. अटेंनडेंस सिर्फ 21 परसेंट रही.

वैसे आपको बता दें कि, 2019 में ममता तीन महिलाओं को राजनीति में लेकर आईं. तीनों का पॉलिटिकल करियर विवादों से भरा रहा. महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप में जा चुकी है. नुसरत जहां निजी जिंदगी के विवादों के कारण चर्चा में रहीं. अब मिमी चक्रवर्ती पहली पारी के बाद ही सरेंडर मोड में हैं.

 

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