इसरो चीफ एस सोमनाथ की किताब पर क्या है बवाल, ऐसा क्या हुआ कि पब्लिश करने का फैसला रोकना पड़ा?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो किताब में उन्होंने पूर्व इसरो चीफ के. सिवन के बारे में लिखा है. इसके मुताबिक सिवन नहीं चाहते थे की वो (सोमनाथ) इसरो प्रमुख बने.
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News Tak: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ एस सोमनाथ ने मलयाली भाषा में अपनी आत्मकथा ‘निलावु कुडिचा सिम्हंल’ लिखी है. इसका अग्रेंजी अनुवाद’लायंस दैट ड्रिंग द मूनलाइट’ है. उन्होंने इस किताब में अपने पूरे जीवन के शुरुआत से लेकर अबतक के संघर्षों के बारे में लिखा है. दक्षिण भारत के मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, किताब में उन्होंने पूर्व इसरो चीफ के. सिवन के बारे में लिखा है. इसके मुताबिक सिवन नहीं चाहते थे की वो (सोमनाथ) इसरो प्रमुख बने. किताब में उन्होंने चंद्रयान-2 की असफलता को लेकर भी खुलासा किया हैं. इन्हीं आरोपों को लेकर किताब आने से पहले ही विवाद में है. विवाद बढ़ता देखकर उन्होंने अभी इसे प्रकाशित नहीं करने का फैसला किया है.
पूर्व इसरो चीफ पर लगाया ये आरोप
सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा में के सिवन पर उनके इसरो प्रमुख बनने में बाधा बनने के आरोप लगाए हैं. वैसे एस सोमनाथ ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि, मैंने अपनी किताब में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है और ना ही किसी पर आरोप लगाए हैं. उनके मुताबिक इस किताब का उद्देश्य केवल अपनी कहानी बताना नहीं है. उन्होंने कहा,’मैं ये नहीं चाहता की लोग बस मेरी कहानी पढ़ें, मैं चाहता हूं की लोग इसे पढ़कर अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित हों’.
जल्दबाजी के कारण असफल हुआ चंद्रयान-2?
सोमनाथ ने बताया है कि चंद्रयान-2 मिशन के फेल होने की असली वजह मैंने किताब में लिखी है. उनके मुताबिक यह मिशन जल्दबाजी के कारण फेल हो गया. इसे लॉन्च करने से पहले जितने जरूरी टेस्ट होने चाहिए थे वो नहीं किये गए. उन्होंने यह भी लिखा हैं कि फेल की घोषणा के वक्त जो कारण बताये गए वो सही नहीं थे. असली गलतियों को छुपाया गया.
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