विधायक रविंद्र सिंह भाटी का एक ऑडियो हो गया वायरल, सोशल मीडिया पर सामने आई ये प्रतिक्रिया
Ravindra Singh Bhati: राजस्थान में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से विधायक रविंद्रसिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) बीजेपी से बागी होकर चुनाव जीतने के बाद लगातार चर्चा में हैं. सोशल मीडिया पर उनकी काफी फैन फॉलोइंग भी है. सोशल मीडिया पर अब उनका एक ऑडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह एक छात्र के परिजनों […]
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Ravindra Singh Bhati: राजस्थान में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से विधायक रविंद्रसिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) बीजेपी से बागी होकर चुनाव जीतने के बाद लगातार चर्चा में हैं. सोशल मीडिया पर उनकी काफी फैन फॉलोइंग भी है. सोशल मीडिया पर अब उनका एक ऑडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह एक छात्र के परिजनों से बात करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने स्टूडेंट के परिजन को कुछ ऐसा कहा कि यह ऑडियो सामने आने के बाद कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जबरदस्त वायरल हो रहा है.
दरअसल यह पूर मामला एक एडमिशन से जुड़ा है. ऑडियो में एक युवक भाटी को अपने परिचित के एडमिशन नहीं होने की बात कहते हुए परेशान नजर आ रहा है. जिसके बाद शिव विधायक भाटी जवाब से संतुष्ट करते हैं. इस कॉल के बाद छात्रा का एडमिशन भी कॉलेज में हो जाता है. इसके बाद दिव्यांग के परिजन ने सोशल मीडिया पर युवा विधायक रविंद्रसिंह भाटी को धन्यवाद देते हुए पूरे घटनाक्रम से अवगत भी करवाया है.
27 दिसंबर को होना था दिव्यांग का एडमिशन
वायरल ऑडियो में दिव्यांग स्टूडेंट का परिजन विधायक रविंद्रसिंह भाटी को कह रहा है कि ‘जी, रविंद्रसिंह जी… मैं अशोक सिंह रानीगांव, कॉलेज संबंधी मुझे कोई बात करनी थी आपसे. अगर, आप फ्री हैं तो मैं बात करूं? रविंद्रसिंह जवाब में कहते हैं कि मेरे पास बहुत टाइम है, आप बताएं? फोन पर दिव्यांग का परिजन कहता है कि आपके बालेबा गांव में स्वरूपसिंह, जिसका फोटो आपने सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया है. उनका उदयपुर स्थित अरावली कॉलेज में बीएसटीसी में एडमिशन होना था. लेकिन वहां जब हम गए तो यहां एडमिशन के लिए मना कर दिया गया है. ये लोग कह रहे हैं कि ये दिव्यांग है और हमारी गाइडलाइन के अनुसार इसको एडमिशन नहीं मिलेगा. इस पर भाटी ने कहा कि दिव्यांग है तो क्या, वो एडमिशन नहीं दे सकते? परिजन कहता है कि वो कह रहे हैं, दे नहीं सकते.
यह है पूरा मामला
परिजन पूरे मामले की जानकारी देते हुए आगे बताते हैं “अगर दिव्यांग है तो यूनिवर्सिटी ने कॉलेज कैसे जारी कर दी? तो कॉलेज का कहना है कि अब आप पहले बीकानेर आ जाओ और उसके बाद उदयपुर में आपका एडमिशन हो जाएगा. बीकानेर एक छोर पर और उदयपुर दूसरे छोर पर. हम वहां जाकर वापस आएंगे तब तक, हमारा एडमिशन का टाइम चला जाएगा. चूंकि एडमिशन 27 दिसंबर को होना है. लेकिन उनका कोई रिस्पोंस नहीं मिल रहा है और बोल रहें हैं कि अब आप घर चले जाओ.”
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मैं बैठा हूं फ्रिक क्यों कर रहे हो- भाटी
पूरी बात सुनने के बाद भाटी ने कहा कि कैंडिडेट री म्हना डिटेल भेजो, सब कराऊं (स्टूडेंट्स की मुझे डिटेल भेजो). हूं बैठो हां नी, थे क्यां सोच करो. (मैं बैठा हूं ना, आप क्यों फिक्र कर रहे हो). इस पूरे मामले में राजस्थान तक से बातचीत करते हुए भाटी ने बताया कि दिव्यांग स्टूडेंट का एडमिशन नहीं होने की परेशानी उनके परिजन ने मुझे फोन पर बताई थी. उसके बाद मैने निदेशालय को फोन कर दिव्यांग स्टूडेंट और परिजनों की व्यथा सुनाई. मुझे जवाब मिला कि कुछ ही मिनटों में उनकी समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा और एडमिशन भी हो जाएगा. नहीं होता है तो उनकी बात को दबने नहीं दूंगा.
‘दम है बंदे में…’ ऐसे पोस्ट करके भाटी को दिया धन्यवाद
ऑडियो वायरल होने के बाद शाम होते-होते रविंद्र सिंह भाटी को कॉल करने वाले रानीगांव निवासी अशोक सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर घटनाक्रम को शेयर किया. साथ ही उन्होंने भाटी को धन्यवाद भी दिया. परिजन ने बताया कि भाटी को कॉल करने के बाद अगले 5 मिनट में उसे बीकानेर निदेशालय से फोन आया और उसके बाद उदयपुर अरावली कॉलेज से कॉल आया कि आप जल्दी आके डॉक्यूमेंट सबमिट करो और फिर एडमिशन हो गया. अशोक सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘दम हैं बंदे में. मैंने जब रविंद्रसिंह भाटी को कॉल किया था और जिस तरह से उनका रिस्पोंस मिला तो मुझे लग गया था कि मेरा काम हो जाएगा.