72 लोगों की जान गंवाने के बाद भी गुर्जर समाज की कौनसी मांगें अधूरी हैं? राजस्थान में फिर बड़े आंदोलन की आहट! 

ललित यादव

Gurjar Andolan Pilupura: राजस्थान में गुर्जर समाज फिर आंदोलन की राह पर है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को रविवार दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. इसके बाद पीलूपुरा में महापंचायत में फैसला होगा.

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Gurjar Andolan Pilupura: राजस्थान में गुर्जर समाज फिर आंदोलन की राह पर है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को रविवार दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. इसके बाद पीलूपुरा में महापंचायत में फैसला होगा. क्या गुर्जर रेल रोको आंदोलन करेंगे? या शांत रहेंगे?

'सरकार के पास वार्ता के लिए नहीं जाएंगे'

गुर्जर आंदोलन की कमान संभाल रहे विजय बैंसला ने साफ कह दिया है कि अब वे खुद सरकार के पास वार्ता के लिए नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार कोई ठोस प्रस्ताव भेजती है तो उसे महापंचायत में समाज के सामने पढ़ा जाएगा और आगे का फैसला समाज ही करेगा.

कर्नल बैंसला के बाद पहली बड़ी महापंचायत

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन के बाद पीलूपुरा में यह पहली बड़ी महापंचायत मानी जा रही है. आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 12 बजे तक सरकार का जवाब नहीं आया, तो रेल ट्रैक और सड़कें जाम की जाएंगी.

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क्यों खास है पीलूपुरा?

पीलूपुरा, गुर्जर आंदोलन का ऐतिहासिक केंद्र रहा है. 2008 के आरक्षण आंदोलन में यहीं पुलिस की फायरिंग में 70 से अधिक लोगों की जान गई थी. इसके बाद यह स्थान प्रतीक बन गया. अब एक बार फिर आंदोलन की चिंगारी यहीं से उठ रही है.

पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर

महापंचायत की घोषणा के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है. पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों को सतर्क किया गया है. वहीं, प्रशासन की ओर से बातचीत की कोशिशें भी जारी हैं. लेकिन समिति का कहना है कि अब सरकार को ही उनके पास आना होगा.

बीजेपी नेता और आंदोलन के अगुआ

विजय बैंसला बीजेपी नेता भी हैं. वे 2023 में देवली-उनियारा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन हार गए. इसके बाद लोकसभा और उपचुनाव में भी टिकट नहीं मिला. अब वे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष के तौर पर सक्रिय हैं और अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.

सोशल मीडिया पर माहौल गर्म

महापंचायत को लेकर सोशल मीडिया पर अपील के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं. गांव-गांव में पीले चावल बांटकर लोगों को बुलाया जा रहा है. समाज में एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर व्यापक समर्थन दिखाई दे रहा है.

क्या हैं प्रमुख मांगें?

1. MBC आरक्षण को 9वीं अनुसूची में जोड़ा जाए.
2. रोस्टर प्रणाली में संशोधन कर राज्य स्तर पर लाभ मिले.
3. आरक्षण आंदोलन से जुड़े केस वापस लिए जाएं.
4. देवनारायण योजना के तहत स्कूटी और छात्रवृत्ति की सुविधा मिले.
5. मृतकों के परिवारों को मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति मिले
6. सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण का पूरा लाभ मिले.
7, सरकार की ओर से गुर्जर आंदोलन के दौरान किए गए समझौतों की पालना की जाएं.
8. RJS में बैकलॉग भरा जाए, रीट भर्ती 2018 में शेष 3727 पदों पर नियुक्ति की जाएं.

गहलोत सरकार ने पास किया था विधेयक

2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी किया. इसमें दो बड़े वादे थे. पहला, सरकारी विभागों और शिक्षण संस्थाओं में SC, ST, OBC और MBC के खाली पदों का बैकलॉग जल्द भरेगा. दूसरा, गुर्जर समाज की मांगों को पूरा किया जाएगा.

मांगे पूरी करवाने के लिए गहलोत सरकार बनने के बाद नवंबर 2020 में गुर्जरों ने आंदोलन शुरू किया. दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक जाम कर दिया गया. मुख्य मांग थी 35,000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देना. लेकिन सरकार ने कहा, इतनी भर्तियां ही नहीं हुईं, तो बैकलॉग कैसे दें?

इसके बाद, गहलोत सरकार ने 5% MBC आरक्षण का नया विधेयक पास किया. विधानसभा से इस बिल को पास करके केंद्र को भेजा गया. लेकिन यह केंद्र में अब तक लंबित है. गुर्जर समाज को नाराजगी है कि एमबीसी आरक्षण को नवीं सूची में शामिल करना केंद्र सरकार के हाथ में है. 

समाज का कहना है कि सरकार ने वादे पूरे नहीं किए. बैकलॉग भर्ती रुकी रही. देवनारायण योजना में स्कूटी और छात्रवृत्ति नहीं मिली. मुकदमों की वापसी भी नहीं हुई. यही कारण है कि अब पीलूपुरा में महापंचायत बुलाई गई है.

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