युवती की दर्द भरी कहानी: अपनों ने वेश्यावृत्ति में धकेला, अब घर नहीं बसाने दे रहे
मामला बूंदी जिले के दबलाना थाना इलाके के शंकरपुर का है. यहां एक युवती को परिजनों ने तब बेच दिया जब उसकी उम्र महज 3 साल थी.
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Rajasthan के बूंदी जिले की इस युवती ने वेश्यावृत्ति से निकलकर एक बेहतर जिंदगी जीने की कोशिश भी की तो अपने ही बैरी बन गए. इस गंदगी में धकेलने वाले परिजन नहीं चाहते कि वो अब इस दलदल से निकलकर एक बेहतर जिंदगी जिए.
मामला बूंदी जिले के दबलाना थाना इलाके के शंकरपुर का है. यहां एक युवती को परिजनों ने तब बेच दिया जब उसकी उम्र महज 3 साल थी. जिस उम्र में उसे मां का दुलार और पिता का प्यार मिलना था, गुड्डे-गुड़ियों से खेलने की जो उम्र थी उसमें अनजान हाथों में चली गई. युवती ने पुलिस अधीक्षक के पास जाकर आपबीती बताई.
11 साल की उम्र में इस दलदल में धकेली गई
युवती ने बताया कि उसे परिजनों ने अपना कर्ज चुकाने के लिए कई स्थानों पर बेचा. आखिरकार 11 साल की उम्र में वो वेश्यावृत्ति के दलदल में जा पहुंची. वहां वो कुढ़ती और अपनी जिंदगी को कोसती रही. कोसती रही कि वो इस धरती पर क्यों आई. जब से उसने तोतली आवाज में बोलना शुरू किया तब से उसका पाला इस निर्मम दुनिया से ही पड़ता रहा. इस दौरान वो मारपीट और प्रताड़ना भी सहती रही.
वेश्यावृत्ति से निकलने के रास्ते पर अपने ही बने रोड़ा
युवती अब वेश्यावृत्ति से निकलकर अपना घर बसाना चाहती है. बूंदी के रामनगर निवासी एक युवक से उसे प्रेम हो गया है. युवती का 5 साल का एक बेटा भी है. वो अपने प्रेमी के साथ शादी करके घर बसाना चाहती है. इधर परिजन रोड़ा बने तो युवती और उसका प्रेमी दोनों पुलिस अधीक्षक जय यादव और बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार के पास पहुंचे. उनकी मांग है कि उन्हें सुरक्षा दी जाए ताकि उनकी शादी हो जाए.
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जल्द कराया जाएगा इनका विवाह- SP
पुलिस अधीक्षक जय यादव ने कहा कि प्रेमी युगल आए थे. युवती वेश्यावृत्ति के दलदल से निकलने का प्रयास कर रही है. दोनों कंजर समाज से हैं. युवती को इससे बाहर निकलवाया जाएगा. दोनों का जल्द विवाह कराया और इन्हें नए जीवन की शुरूआत करने की ओर अग्रसर किया जाएगा.