राजस्थान में रास्ता रोकने पर 2 विधायकों को 1-1 साल की सजा: 11 साल पुराना मामला, क्या विधायकी जाएगी?

न्यूज तक

Rajasthan Politics: जयपुर की एक अदालत ने 11 साल पुराने एक मामले में कांग्रेस के दो विधायकों और सात अन्य लोगों को एक-एक साल की सजा सुनाई है. इन सभी को रास्ता रोकने और गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने का दोषी पाया गया.

ADVERTISEMENT

Mukesh bhakar, Manish Yadav
Mukesh bhakar, Manish Yadav
social share
google news

Rajasthan Politics: जयपुर की एक अदालत ने 11 साल पुराने एक मामले में कांग्रेस के दो विधायकों और सात अन्य लोगों को एक-एक साल की सजा सुनाई है. इन सभी को रास्ता रोकने और गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने का दोषी पाया गया. हालांकि, सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद सभी को जमानत भी मिल गई.

क्या था मामला?

यह मामला 13 अगस्त 2014 का है. उस दिन इन सभी लोगों ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट के बाहर जेएलएन मार्ग को करीब 20 मिनट तक जाम कर दिया था.

किन-किन को मिली सजा?

अभियोजन अधिकारी कविता पिंगोलिया ने बताया कि कोर्ट ने लाडनूं से विधायक मुकेश भाकर, शाहपुरा से विधायक मनीष यादव, और झोटवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अभिषेक चौधरी सहित कुल 9 लोगों को एक साल की सजा सुनाई है.

यह भी पढ़ें...

पुलिस ने इस मामले में 11 अगस्त 2016 को चार्जशीट पेश की थी. ट्रायल के बाद कोर्ट ने मुकेश भाकर, मनीष यादव, अभिषेक चौधरी, राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, द्रोण यादव, भानूप्रताप सिंह और विद्याधर मील को दोषी ठहराया.

क्या विधायकी पर पड़ेगा असर?

इस सजा से दोनों कांग्रेस विधायकों की विधायकी पर कोई खतरा नहीं है. कानून के अनुसार, विधायकों और सांसदों की सदस्यता तभी रद्द होती है जब उन्हें 2 साल या उससे ज़्यादा की सजा सुनाई जाए.

आगे क्या होगा?

सजा सुनाने के बाद अदालत ने सभी दोषियों को जमानत पर छोड़ दिया है. अब उनके पास हाईकोर्ट में अपील दायर करने के लिए एक महीने का समय है. वे अपनी सजा को निलंबित करने के लिए अपील कर सकते हैं.

    follow on google news
    follow on whatsapp