शिक्षामंत्री मदन दिलावर का बयान फिर चर्चा में, बोले- अकबर सुंदर लड़कियों के साथ करता था ये सब

दिनेश बोहरा

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि जब से आप और हम पढ़ें हैं, अकबर को महान बताया जाता रहा है. मेरा मानना है और इतिहास इस बात को कहता है कि अकबर एक आक्रांता था.

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राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Education minister Madan Dilawar) ने एक बार फिर से विवादित बयान दे दिया है. शिक्षामंत्री ने राजस्थान तक से बातचीत करते हुए कहा कि अकबर महान नहीं था. अकबर (mughal king Akbar) एक आक्रांता था जो मीना बाजार लगाकर सुंदर महिलाओं और लड़कियों को उठाकर ले जाता था और उनके साथ दुष्कर्म करता था. ऐसे बलात्कारियों को पढ़ाए जाने की कोई जरूरत नहीं. 

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि जब से आप और हम पढ़ें हैं, अकबर को महान बताया जाता रहा है. मेरा मानना है और इतिहास इस बात को कहता है कि अकबर एक आक्रांता था. मीना बाजार लगाता था और वहां से सुंदर लड़कियों और महिलाओं को उठाकर ले जाता था. उनके साथ दुष्कर्म करता था. इसलिए अकबर महान नहीं हो सकता. दुष्कर्मी कभी महान नहीं हो सकता. 


बलात्कारियों को नहीं पढ़ाया जाना चाहिए

मदन दिलावर ने कहा कि हमारे जो हिंदुस्तानी है, देशभक्त हैं, क्रांतिकारी हैं और जिन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी है, वो भी बहुत ऐसे प्रेरणा पुरुष हैं, जिनको पढ़ाया जाना चाहिए. दिलावर ने कहा कि ऐसे बलात्कारियों (अकबर) को पढ़ाए जाने की कोई जरूरत नहीं है. 


आपत्तिजनक पाठ्यक्रम को हटाया जाएगा

मदन दिलावर से जब पूछा गया कि अकबर को कई सालों से पढ़ाया जाता रहा है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उस समय के जो हमारी पुस्तकें लिखने वाले होंगे या पाठ शामिल करने वाले होंगे, उनकी मानसिकता ठीक नहीं रही होगी. या गुलामी की मानसिकता होगी. इसलिए पाठ्यक्रम को शामिल किया होगा. दिलावर ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार अभी अकबर को इतना बड़े लेवल पर नहीं पढ़ाया जा रहा है.  

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दिलावर ने कहा कि इसके लिए मैं एक कमेटी बना रहा हूं. सारी समीक्षा करवा रहा हूं. वो कमेटी सारा फीडबैक देगी कि कहां -कहां आपत्तिजनक या इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पढ़ाया जा रहा है. कहां हमारे महापुरुषों, क्रांतिकारियों और बलिदानियों को छोटा दिखाया जा रहा होगा, उन सबको पाठ्यक्रम से हटाएंगे. 


स्कूल टाइम में नमाज या पूजा नहीं चलेगी

विद्यालय टाइम में पूजा करने या नमाज पढ़ने जाने वालों के लिए मदन दिलावर ने कहा कि विद्यालय विद्या का मंदिर है. यहां बच्चे जो छात्र है जो अच्छे नागरिक बनें, ये हमारा कर्तव्य है. इसलिए यहां इस तरह की चर्चाएं, काम करना, लव जिहाद के बारे, धर्मांतरण के बारे में चर्चा करना या उनको करवाना ये ठीक नहीं है. जो इस काम में शामिल रहेगा, उन सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. 


मेरे बयान का चुनावों से कोई लेना देना नहीं

कांग्रेस का मदन दिलावर पर आरोप है कि लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है. तभी राजस्थान के शिक्षा मंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं. इसके जवाब में मदन दिलावर ने कहा कि मैं पहले भी यही बात कह रहा था और अब भी ये बात कह रहा हूं. चुनाव तो हर पांच साल में आते हैं, लेकिन विधानसभा हो या लोकसभा, मेरे बयानों का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. 


दिलावर का कांग्रेस पर जुबानी हमला

पिछली कांग्रेस की सरकार पर हमला बोलते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि पिछली सरकार ने जो किया है वो पूरे प्रदेश के सामने हैं. क्योंकि आपने देखा होगा कि जो उन्होंने भर्तियां निकाली, उन्हें भर्ती करना ही नहीं था. इसलिए उन्होंने पेपर आउट करवाए, चोरी करवाए, अपने लोगों से चोरी करवाए और खुद ने हो चोरी किए. ऐसे लोगों को उनकी रखवाली के लिए बिठाया जो खुद चोर थे. इस आधार पर पेपरों को बेचा गया. वो तो अब नहीं होने देंगे. हमारी कोशिश रहेगी कि जो भी कंपीटिशन एग्जाम हो, सब फेयर हो.

मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पेपर लीक के लिए एसआईटी बनाई है, जो कार्रवाई कर रही है. संभवत कमेटी सुझाव भी देगी. उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.


बिना संसाधन स्कूल नहीं खोलने चाहिए

इंग्लिश मीडिया स्कूल के सवाल पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सारी भाषाओं को ज्ञान होना, ठीक है, होना चाहिए. सब भाषाएं सीखना भी चाहिए, लेकिन भाषाओं का ज्ञान देने का बोर्ड तो आप लगा दो. उसके शिक्षक ना हो, भवन ना हो...तो कैसे बच्चे उस भाषा को सीखेंगे या कैसे उस माध्यम में पढ़ेंगे.  कांग्रेस पर हमला बोलते हुए दिलावर ने कहा कि इंग्लिश मीडियम विद्यालय तो खोल दिए इन्होंने, इंग्लिश के टीचर तो लगाए ही नहीं. कौन पढ़ाएगा? भवन तो है नहीं. इसलिए अगर हमारे पास संसाधन नहीं है तो हमें ऐसे स्कूल्स नहीं खोलने चाहिए, क्योंकि हिंदी स्कूल्स से अध्यापक उठाकर लाएंगे तो वहां भी अध्यापक कम होंगे और अंग्रेजी माध्यम में लाएंगे तो कैसे होगा, वो तो अंग्रेजी पढ़े ही नहीं. 

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