राजस्थान का ये गांव है IAS-IPS की 'फैक्ट्री'! यहां से निकले 15 कलेक्टर, 5 एसपी और 500 से ज्यादा ऑफिसर
राजस्थान में एक ऐसा गांव है जहां से 15 कलेक्टर, 5 एसपी और 500 से ज्यादा ऑफिसर बनकर निकले हैं.
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Rajasthan Officers Village: राजस्थान के नीम का थाना (Neem Ka Thana) जिले में एक ऐसा गांव है जो कभी अपराध के लिए बदनाम था. लेकिन आज इस गांव में 'अफसरों की खेती' होती है. इस गांव से आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS) समेत इतने अफसर बनकर निकले हैं कि उनकी संख्या देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. किसी को यकीन ही नहीं होता कि जो गांव कभी अपराध के लिए फेमस था वो आज अफसरों का गांव बन गया है.
हम बात कर रहे हैं नीम का थाना जिले के नया बास गांव (Naya Bas Village) की. यहां करीब 800 घर हैं जिनमें से 500 से ज्यादा सरकारी अफसर बनकर निकले हैं. इनमें 15 आईएएस समेत 25 सिविल सेवक हैं. यही नहीं, पिछले 40 सालों में इस गांव में 1600 से ज्यादा लोग सरकारी नौकर बने हैं.
ऐसे बदली गांव की सूरत
साल 1972 में नया बास गांव में ऐसी घटना हुई जिसने गांव की सूरत ही बदलकर रख दी. गांव के कुछ युवक उस समय तक सेना, पुलिस और लोअर ग्रेड की सरकारी नौकरियों तक पहुंचने लगे थे. इन्हीं में से एक थे आईबी में सब इंस्पेक्टर केएल मीणा. चोरी के एक मामले में पुलिस गांव में आई हुई थी और उसी दिन सब इंस्पेक्टर केएल मीणा भी गांव लौटे थे. उस दिन पुलिस ने गांव में सबसे बदसलूकी की. इस बात ने केएल मीणा को इतनी ठेस पहुंचाई कि उन्होंने ऐलान कर दिया कि अब पुलिस आई तो उनकी टीम बताएगी कि चौर कौन है? यहीं नहीं, इस घटना के बाद केएल मीणा कड़ी मेहनत से आईएएस अधिकारी भी बन गए.
इंटरव्यू में गांव के बारे में बताना होता था मुश्किल
गांव से अफसर बनकर निकले लोगों ने बताया कि जब वह लिखित परीक्षा पास करके इंटरव्यू में गए तो वहां पूछा गया कि नया बास क्यों चर्चित है? यह सवाल उन्हें बहुत ज्यादा असहज करता था. इसी ताने ने लोगों को ऐसा जगाया कि वो और कड़ी मेहतन से तैयारी में जुट गए और ऑफिसर बनकर गांव की सूरत ही बदल डाली.
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हर घर में बच्चों को अफसर बनाने की जिद
नया बास गांव से काफी ज्यादा संख्या में अफसर और सरकारी नौकर बनने पर शिक्षा की नई क्रांति पैदा हो गई है. अब जिन घरों में कोई ऑफिसर नहीं हैं उन घरों में भी माता-पिता अपने बच्चों को अफसर बनाना चाहते हैं. यहां तक कि वो कर्ज लेकर भी अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं ताकि उनके घर से भी बच्चे अफसर बनें.