Rajasthan Tourism: पर्यटकों के लिए खुला सरिस्का, दिल्ली से मात्र 2 घंटे की दूरी पर कर सकेंगे टाइगर सफारी
Rajasthan Tourism: तीन माह का इंतजार अब समाप्त हो चुका है. एक अक्टूबर से सरिस्का (Sariska Tiger Reserve) पर्यटकों के लिए खुल गया है. खुलने से पहले ही एक सप्ताह के लिए सरिस्का में सफारी की जिप्सी व होटल फुल (Sariska Tiger Reserve Safari Booking) हो गए हैं. सरिस्का में बढ़ती बाघों की साइटिंग के […]
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Rajasthan Tourism: तीन माह का इंतजार अब समाप्त हो चुका है. एक अक्टूबर से सरिस्का (Sariska Tiger Reserve) पर्यटकों के लिए खुल गया है. खुलने से पहले ही एक सप्ताह के लिए सरिस्का में सफारी की जिप्सी व होटल फुल (Sariska Tiger Reserve Safari Booking) हो गए हैं. सरिस्का में बढ़ती बाघों की साइटिंग के चलते पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. तो देसी विदेशी पर्यटकों के अलावा फिल्मी सितारे, क्रिकेटर और वीआईपी लोगों की संख्या में भी बीते दो साल से इजाफा हो रहा है.
मानसून सीजन के दौरान एक जुलाई से 30 सितंबर तक सरिस्का पर्यटकों के लिए बंद रहता है. इस दौरान केवल मंगलवार व शनिवार को पांडुपोल आने जाने की परमिशन रहती है. इसलिए केवल एक रूट पर पर्यटक सफारी कर सकते हैं. सरिस्का में प्रवेश के दो गेट हैं. टहला गेट और सदर गेट के साथ ही बाला किला बफर जॉन में भी सफारी होती है. रविवार को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर तीनों जगह पर पर्यटकों को तिलक लगाकर व माला पहनकर सफारी के लिए रवाना किया गया. इस दौरान सरिस्का के अधिकारी मौजूद रहे. साथ ही कई संस्थाओं के लोग भी नजर आए. ढोल नगाड़ों से पर्यटकों का स्वागत हुआ.
ऑनलाइन बुकिंग शुरू
सरकारी छुट्टियों के चलते सरिस्का खुलने से पहले ही एक सप्ताह के लिए बुक हो चुका है. सरिस्का में सभी सफारी ऑनलाइन बुक है. साथ ही होटल भी फुल हो चुके हैं. सरिस्का एनसीआर का हिस्सा है. इसलिए अन्य जगहों की तुलना में यहां पर्यटकों की संख्या भी ज्यादा रहती है. दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद सहित देश के अन्य शहरों से भी सरिस्का पहुंचना आसान है. देश की राजधानी दिल्ली व प्रदेश की राजधानी जयपुर के मध्य में सरिस्का स्थित है.
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सरिस्का में हैं 30 बाघ
सरिस्का में इस समय 30 बाघ हैं. इसमें 15 फीमेल बाघ, 9 मेल बाघ व 6 शावक हो गए हैं. नए शावक अपनी नई टेरिटरी बनाएंगे. सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ने से यहां आने वाले पर्यटकों को बाघों की साइटिंग होने लगी है. इसलिए पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है.
कैसे पहुंचे सरिस्का
सरिस्का सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. अलवर से सरिस्का की दूरी करीब 40 किलोमीटर. जबकि जयपुर से सरिस्का की दूरी 110 किलोमीटर दूर है. ट्रेन से पहुंचने के लिए पहले अलवर आना होगा. फिर अलवर से टैक्सी व बस के माध्यम से सरिस्का पहुंचा जा सकता है. दिल्ली से आप दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं.
सरिस्का में बाघ हो रही है फ्रेंडली
सरिस्का में एक तरफ बाघों की संख्या बढ़ रही है. तो दूसरी तरफ बाघ फ्रेंडली हो रहे है. इसलिए लगातार यहां बाघों की साइटिंग में बढ़ोतरी हुई है. सरिस्का आने वाले प्रत्येक पर्यटक को अब बाघ की साइटिंग होने लगी है. इसलिए पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है. रणथंभौर में अन्य बड़े टाइगर रिजर्व की तरह सरिस्का में भी बाघ अब जानवरों का शिकार करते नजर आते हैं. साथ ही पर्यटकों की गाड़ी के आसपास दिखाई देते हैं. इससे पर्यटन रोमांचित रहते हैं.
सरिस्का बन रहा है रणथंभौर का बेहतर विकल्प
रणथम्भौर में पर्यटकों की संख्या ज्यादा रहती है. इसलिए वहां पर्यटकों को कई तरह की परेशानी होती है. साथ ही सफारी के लिए भी खासा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में सरिस्का पर्यटकों के लिए बेहतर विकल्प है. सड़क और रेल मार्ग से सरिस्का सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को आने-जाने में भी किसी तरह की परेशानी नहीं होती है. देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी जयपुर के मध्य में सरिस्का स्थित है.
सरिस्का बफर जॉन में हैं छह बाघ
सरिस्का के बफर जोन में एक बाघ, एक बाघिन और उसके दो शावकों की मूवमेंट बनी हुई है. जिनका अभी नामकरण हुआ है. तो दो नए शावक नजर आए हैं. अलवर शहर में डेढ़ से 2 किलोमीटर दूरी पर लोगों को बाघों की साइटिंग हो रही है. यहां आने वाले समय के लिए ये बेहतर संकेत हैं.
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