महिला व्हाट्सएप ग्रुप में आया शादी का कार्ड, क्लिक करते ही फोन हैक, भीलवाड़ा में एक मैसेज से हड़कंप !

भीलवाड़ा में साइबर ठग शादी के फर्जी निमंत्रण कार्ड भेजकर व्हाट्सएप हैक कर रहे हैं. एक महिला व्हाट्सएप ग्रुप की 150 से अधिक सदस्य प्रभावित हुईं. लिंक पर क्लिक करते ही व्हाट्सएप हैक हो गया और ठगों ने फोनपे पिन बदलकर पैसे निकालने की कोशिश की गई.

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राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में साइबर ठगों ने धोखाधड़ी का एक नया तरीका अपनाया है. अब ठग लोगों को शादी का फर्जी निमंत्रण पत्र भेजकर अपना शिकार बना रहे हैं. यह निमंत्रण पत्र असल में एक मैलवेयर APK लिंक होता है, जिसे खोलते ही स्मार्टफोन हैक हो सकता है. भीलवाड़ा शहर में एक महिला मंडल व्हाट्सएप ग्रुप पर फर्जी शादी निमंत्रण कार्ड भेजे गए. ग्रुप की 150 से ज्यादा महिलाओं ने इसे असली समझकर लिंक डाउनलोड कर लिया. नतीजा? उनके फोन हैक हो गए. 

यह मामला 16 अक्टूबर को शुरू हुआ. दीपावली से ठीक पहले महिला व्हाट्सएप ग्रुप में ललिता जी के नाम से शादी का डिजिटल कार्ड आया. लिंक क्लिक करने पर एक छिपा APK फाइल इंस्टॉल हो जाता है. यह मैलवेयर फोन को कंट्रोल कर लेता. 150 से ज्यादा महिला सदस्यों वाले इस ग्रुप में कई महिलाओं ने इसे असली निमंत्रण समझकर डाउनलोड कर लिया. लिंक पर क्लिक करते ही उनका व्हाट्सएप या तो हैक हो गया, या सीधे अनइंस्टॉल हो गया. कई बुजुर्ग महिलाओं के फोन तो ऐसे हैक हुए कि कॉलिंग फंक्शन को छोड़कर बाकी सारे सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया.

साइबर ठगों की शातिर चाल

ग्रुप की सदस्य रीना जैन नाम की एक सदस्य ने बताया, "मैं किचन में काम कर रही थी. ग्रुप में कार्ड आया. लगा ललिता जी ने भेजा है. लेकिन तभी अलर्ट मैसेज आ गया. हमने सबको रोक लिया." रीना ने क्लिक नहीं किया. लेकिन कई महिलाओं का नुकसान हो गया.

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ललिता खमेसरा ने अपना अनुभव साझा किया. "रात को लिंक आया. क्लिक किया, लेकिन ओपन नहीं हुआ. सो गई. रात 3 बजे व्हाट्सएप कॉल आई. सुबह उठी तो ऐप गायब." उनकी बेटी ने चेक किया. फोनपे हैक हो चुका था. पिन बदल दिया गया. SBI अकाउंट से 1.5 लाख रुपये ट्रांसफर करने की कोशिश हुई. लेकिन बैंक की सिक्योरिटी ने नहीं हो पाया. ललिता ने तुरंत बैंक जाकर पैसे निकाल लिए. "दूसरी दोस्त का फोन आया. उसने बताया, उसके नाम से ग्रुप में लिंक भेजा जा रहा. हमने फोन फॉर्मेट किया. APK हट गया."

यह सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं. शहर के अशोक जैन के पास भी 29 अक्टूबर को ऐसा ही लिंक आया. उन्होंने जैसे ही लिंक खोला, एक एपीके फाइल ने फोन में इंस्टॉल होने की अनुमति मांगी. उन्होंने ऐसा करने से रोक दिया और अपने बेटे को दिखाया, तो पता चला कि उनका फोन हैक हो चुका है. उन्होंने तुरंत एपीके फाइल को अनइंस्टॉल किया, लेकिन तब तक उनका फोन लगभग एक घंटे तक साइबर ठगों के कब्जे में रहा.

नोट: साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किसी भी अंजान या संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, खासकर अगर वह किसी एपीके फाइल को इंस्टॉल करने के लिए कहे.

 

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