जोशी के आते ही पूनिया का ज़ोश ग़ायब, आवाज़ में भी नहीं दिखता पहले वाला दम?

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Poonia’s enthusiasm disappeared as soon as Joshi came, the same strength as before is not visible even in her voice?
शायद सतीश पूनिया को इस बात का अंदाजा नहीं था, कि इस तरह से उनका पार्टी में डिमोशन हो जाएगा। पूनिया को खुद महारानी वसुंधरा राजे और गजेन्द्र सिंह खेशावत यहां तक कि सीपी जोशी और राजेन्द्र राठौड़ एक साथ बधाई देने पहुंचे गए। सोचिए डिमोशन पर ऐसी बधाई जले पर नमक छिड़कने से भी ज्यादा तकलीफदेय होती होगी, सतीश जी पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे, लेकिन अब ये पद पूनिया जी से लेकर आलाकमान ने जोशी जी को सौंप दी है, सोचा था प्रदेश अध्यक्ष ना सही तो नेता प्रतिपक्ष के पद से काम चला लेंगे, लेकिन वो पद भी राठौड़ साहब के खाते में चला गया, अब तो उपनेता प्रतिपक्ष वाला पद ही बचा था, जो सतीश पूनिया जी को बस दे ही दिया गया, अब सोचिए… अर्श से फर्श पर पहुंचे पूनिया को जब महारानी वसुंधरा राजे डिमोशन वाली बधाई दे रही होंगी, तो पूनिया जी को कहां से और कितना फीड गुड हुआ होगा। खुद सीपी जोशी भी गुलदस्ता ले आए, पूनिया जी को बधाई देने लगे, और तो और गजेन्द्र सिंह साहब भी सतीश जी को दिल से बधाई देते दिखे। अब डिमोशन पर इतनी बधाइयां एक साथ पाकर पूनिया पर क्या बीत रही होगी, तो उनका दिल ही जानता होगा। अब कहने को पूनिया जी कुछ भी कहें, जनता को जनार्दन बताने वाले पूनिया जी, पार्टी के विधायकों, मोदी, शाह और नड्डा यहां तक हिन्दुस्तान और राजस्थान सबके जिंदाबाद वाले नारे लगवा रहे थे, लेकिन पूनिया के चेहरे पर मायूसी वाली लकीरें भी साफ झलक रही थीं, ऐसा लग रहा था मानो कह रहे हों, कि भाई मजबूरी में क्या-क्या नहीं करना पड़ता।
Poonia’s enthusiasm disappeared as soon as Joshi came, the same strength as before is not visible even in her voice?