दौसा के सिकंदरा में शहीद गुर्जरों की याद में एक बड़ा कार्यक्रम चल रहा था, पंद्रह साल पहले पुलिस की गोलियों से शहीद हुए 73 गुर्जरों को शद्धांजलि देने के लिए दौसा की जनता भारी संख्या में पहुंची थी, जहां जनता वहां नेता भला कैसे ना आते, लिहाजा जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर भी गुर्जरों को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं थीं, मुनेश ने हाथ में माइक थामा और जैसे ही अशोक गहलोत का नाम लेकर उनकी तारीफ शुरु की तो दौसा के लोग भड़क उठे, सभा में हंगामा कर दिया और मुनेश गुर्जरके सामने ही सचिन पायलट जिंदाबाद और सचिन पायलट आई लव यू के नारे लगाने लगे। मुनेश गुर्जर के बाद दूसरे गुर्जर नेता जोगिंदर सिंह अवाना भी मंच की ओर बढ़े, लेकिन नदबई विधायक अवाना को देखते ही लोगों का गुस्सा भड़क उठा, गुर्जर समाज के युवक अवाना के सामने ही सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। माहौल ऐसा हो गया कि अवाना भी समझ नहीं पा रहे थे कि मंच पर जाकर अपनी फजीहत करवाएं या फिर उल्टे पांव लौट जाएं। गुर्जर समाज के युवाओं का गुस्सा देख जोगिंदर अवाना सहमे सहमें नजर आए. पुलिस की सुरक्षा में अवाना को भीड़ से बाहर निकाला गया। भीड़ का गुस्सा देख कार्य़क्रम में मौजूद कई नेताओं ने लोगों से शांत रहने की अपील भी की, खुद जीआर खटाना ने मंच पर जाकर लोगों से शांत रहने की अपील की, भगवान देव नारायण के जयकारे भी लगवाए गए, ताकि वहां मौजूद भीड़ का ध्यान डायवर्ट हो सके। लेकिन लोग सचिन पायलट के विरोधियों को अपने सामने देख अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पा रहे थे। जब से राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई खुलकर शुरु हुई है, तब से राजस्थान की जनता भी दो हिस्सों में बंटी दिख रही है, एक ओर गहलोत के समर्थक हैं तो दूसरी ओर पायलट के चाहने वाले, लेकिन जब सचिन पायलट के गढ़ दौसा में ही मंच पर गहलोत गुट के नेता पुहंचे तो लोग अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाए, और पायलट के समर्थन में नारेबाजी करने लगे, इसके बाद गहलोत गुट के नेता एक एक कर वहां से नौ दो ग्यारह गए। Uproar over the speech of Heritage Mayor Munesh Gurjar