भारत का सबसे विशाल किला है राजस्थान का चित्तौड़गढ़ किला, ट्रिप पर जाने से पहले जान लें ये बातें!

News Tak Desk

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700 एकड़ और लगभग 13 किलोमीटर में फैले हुए इस चित्तौड़गढ़ के किले को भारत का सबसे विशाल और खूबसूरत दिखने वाला किला माना गया है. बता दें, चित्तौड़गढ़ में यह किला बेराच नदी के किनारे और अरावली पर्वत शिखर पर सतह से करीब 180 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है. राजस्थान में स्थित यह किला 7वीं शताब्दी का है और बेहद प्रसिद्ध है. इस किले को घूमने के लिए दुनियाभर से टूरिस्ट आते हैं. अगर आप भी राजस्थान ट्रिप पर गए हैं और यहां के ऐतिहासिक धरोहरों को देखने का प्लान बना रहे हैं तो आप चित्तौड़गढ़ किला देखने जरूर जाएं. तो आइए आज हम आपको इस किले से जुड़ी सारी जानकारियों के बारे में बताते हैं.

चित्तौड़गढ़ किले से जुड़ी कुछ रोचक बातें

  • चित्तौड़गढ़ के किले को 7वीं सदी में मौर्यों द्वारा बनवाया गया था. 
  • मौर्य काल में बनाए गए इस किले को राजपूताना और सिसोदिया वंश की वास्तु शैली का इस्तेमाल करते हुए बनाया गया है. कहा जाता है कि अगर इसे अच्छी तरह से देखा जाए तो यह मछली के आकार जैसा लगता है. 
  • चित्तौड़गढ़ का किला जौहर कुंड के लिए भी जाना जाता है. इसी किले में रानी पद्मावती ने अपनी दासियों के साथ जौहर किया था.
  • आपको बता दें, चित्तौड़गढ़ किले में सात दरवाजे हैं, जिनके नाम हिंदू देवताओं के नाम पर रखे गए हैं. इनके नाम हैं:- पेडल पोल, भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोरला पोल, लक्ष्मण पोल और अंत में राम पोल. इन सभी सात दरवाजों से इस किले के अंदर जा सकते हैं. 
  • चित्तौड़गढ़ किले की भव्यता और सौंदर्य के कारण इसे साल 2013 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
  • इस किले के परिसर में लगभग 65 ऐतिहासिक निर्मित संरचनाएं हैं, जिनमें से 4 महल परिसर, 19 मुख्य मंदिर, 4 स्मारक और 22 कार्यात्मक जल निकाय शामिल हैं.
  • चित्तौड़गढ़ किले में कई सारे मंदिर स्थापित हैं जैसे कलिका मंदिर, जैन मंदिर, गणेश मंदिर, सम्मिदेश्वरा मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, मीरा बाई मंदिर, श्रृंगार चौरी मंदिर, जैन मंदिर और कुंभश्याम मंदिर आदि. ये सब मंदिर अपने बारीक नक्काशीदार कामों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं.
  • ऐसा कहा जाता है कि पहले इस किले में 84 जल निकाय थे जो 50,000 सैनिकों को 4 साल तक पानी की आपूर्ति प्रदान कर सकते थे, जिनमें से केवल अब 22 ही बचे हैं.

चित्तौड़गढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय 

अगर आप इस शहर की यात्रा करने के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि यहां की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च के महीने तक होता है. वहीं अगर आप गर्मियों के मौसम में चित्तौड़गढ़ किला घूमने जा रहे हैं तो शाम के समय जाएं क्योंकि शाम के समय मौसम ठंडा होता है और भीड़ भी कम होती है.

जानिए, चित्तौड़गढ़ किले की टाइमिंग व एंट्री फीस

जानकारी के मुताबिक, चित्तौड़गढ़ किला सप्ताह के सभी दिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक जनता के लिए खुला रहता है. वहीं इसकी एंट्री फीस की बात करें तो भारतीयों को 50 रुपये, जबकि विदेशियों को 600 रुपए प्रति व्यक्ति भुगतान करना पड़ता है.

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चित्तौड़गढ़ किला में आयोजित होता है लाइट एंड साउंड शो

आपको बता दें, राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा इस किले में लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है, जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं. इस अनोखे लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से सैलानियों को इस विशाल चित्तौड़गढ़ किले के इतिहास के बारे में बताया जाता है.

चित्तौड़गढ़ किले तक कैसे पहुंचें

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ किले को देखने के लिए आप वायु, रेल और सड़क तीनों मार्गों द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं. 

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  • हवाई जहाज से- यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर है जिसे महाराणा प्रताप हवाई अड्डा के नाम से भी जाना जाता है, जो 70 किमी की दूरी पर स्थित है. बता दें, उदयपुर हवाई अड्डा देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. फिर इस हवाई अड्डे से टैक्सी, कैब या बस की सहायता से इस किले तक पहुंचा जा सकता है.
  • ट्रेन से- अगर आप ट्रेन से ट्रेवल करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ जंक्शन है, जो चित्तौड़गढ़ किले से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर है. हालांकि आप चंदेरिया रेलवे स्टेशन से भी ट्रेन पकड़ सकते हैं जो किले से 11 किलोमीटर दूर है.
  • सड़क मार्ग से- आपको बता दें कि चित्तौड़गढ़ जिला, राजस्थान के प्रमुख शहरों एवं पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. ऐसे में आप यहां निजी और सरकारी बसों, कैब या कार से आसानी से पहुंच सकते हैं.

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