एक ओर जब पूरे देशभर में स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाया जा रहा है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों, पुलिस समेत कई वर्गों को सौगात दे रहे है. वहीं दूसरी ओर बिहार के ही एक जिले भर में मातम पसरा हुआ है. मातम की वजह है देश के एक सैनिक की शहादत और आज के इस ऐतिहासिक दिन बाढ़ के पानी से गुजरकर गांव से उसकी विदाई.
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मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूत नवगछिया के रंगरा प्रखंड के चापर गांव के अंकित कुमार का पार्थिव शरीर बाढ़ के पानी से गुजरते हुए पैतृक गांव पहुंचा. यहां शहीद अंकित कुमार को नम आंखों से विदाई दी गई.
गांव में भरा हुआ है बाढ़ का पानी
दरअसल बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने बिहार वासियों की जिंदगी में मानो तबाही ही मचा दी हो. राज्य के 13 जिलों के 17 लाख लोग इस भारी बारिश और बाढ़ के पानी से परेशान है. भागलपुर में 6 लाख लोग बाढ़ के पानी से घिरे हैं. इसी बीच शहीद का पार्थिव शरीर गांव लाया गया. गांव में घुटने भर पानी होने के कारण गाड़ी बीच रास्ते में ही फंस गई. बाढ़ के बीच सेना और प्रशासन ने मिलकर शहीद के पार्थिव शरीर को कंधों पर उठा कर गांव तक पहुंचाया.
सड़क किनारे हुआ अंतिम संस्कार
शव के घर पहुंचते ही शहीद की पत्नी का बुरा हाल हो गया. उसने खुद ही अपना मंगलसूत्र उतारकर शव पर रख दिया और रोने लगी. गांव में पानी भरने की वजह से शव को गांव के पास सड़क किनारे ही अंतिम सलामी दी गई है. अंतिम यात्रा में ग्रामीणों की आंखें नम थीं, लेकिन माथा गर्व से ऊंचा था. ‘शहीद अंकित कुमार अमर रहें’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान गांववालों ने कहा, “देश की रक्षा के लिए उन्होंने जो बलिदान दिया, वह हमेशा याद रखा जाएगा.”
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21 लाख का चेक सौंपा
इस शव यात्रा में सेना और पुलिस के जवानों के साथ- साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, भागलपुर के प्रभारी मंत्री संतोष कुमार समेत कई लोग पहुंचे थे. संतोष कुमार ने शहीद के आश्रितों को बिहार सरकार की ओर से 21 लाख रुपए का चेक भी सौंपा. वहीं उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है ऐसी नापाक हरकतों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जरूर सबक सिखाएंगे.
जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में शहीद हुए अंकित
उत्तरी कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी पर बुधवार तड़के सेना के सतर्क जवानों ने पाकिस्तान सेना के बॉर्डर एक्शन टीम ( बैट टीम) के हमले को विफल किया. भारतीय सेना के जवाबी कार्रवाई के बाद बैट दस्ते को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा. इस दरमियान दोनों ओर से हो रही फायरिंग में सेना के जवान अंकित कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए.
2009 में सेना में हुए थे भर्ती
मिली जानकारी के अनुसार अंकित 2009 में सेना में भर्ती हुए थे. बचपन से ही उसका सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना का सपना था. अंकित के और तीन भाई सेना में रह चुके है. अंकित 1 महीने पहले ही गांव आए थे और कुछ दिनों तक रहकर फिर ड्यूटी पर वापस लौट गए थे.
2017 में हुई थी शहीद की शादी
अंकित की शादी साल 2017 में कटिहार जिले के काढ़ा गोला की लड़की रूबी कुमारी से हुई थी. उनके दो बच्चे भी हैं- उत्कर्ष (4) और उपांश (2). अब अंकित देश की सेवा करते हुए दो बेटे, पत्नी, माता, पिता समेत पूरे परिवार को छोड़कर चले गए.
संतोष कुमार ने कही ये बात
भागलपुर के प्रभारी मंत्री संतोष कुमार ने कहा कि शहीद अंकित कुमार को नमन करते है , पूरा देश उनके फौलादी जिगर के लिए देश की सुरक्षा के लिए सैल्यूट करता है, नमन करता है. हमें गर्व होता है कि बिहार के सपूत ने देश के लिए अपने प्राणी की कुर्बानी दे दी. इनपर पूरा बिहार और देश को गर्व है. इनके नाम पर सड़क या स्टेच्यू बने हम चाहेंगे. अभी बिहार सरकार की ओर से 21 लाख का चेक दिया गया है.
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