पहले चरण के चुनाव के लिए आज नामांकन की आखिरी दिन है लेकिन बिहार में महागठबंधन के सीट बंटवारा का मामला अभी तक सुलझा ही नहीं है. मिली जानकारी के मुताबिक मुकेश सहनी के अलावा गठबंधन में मौजूद अन्य पार्टियां कुछ ऐसी सीटें चाहती है जिसपर या तो किसी दूसरे पार्टी ने पहले ही सिंबल दे दिया है या फिर वह उनकी विनिंग सीट है. महागठबंधन में सीट बंटवारा नहीं होने के कारण राजनीतिक पारा भी काफी हाई हो गया है. आइए विस्तार से जानते है कौन सी है वो 9 सीटें जिसने पूरी तरह से पेच फसा हुआ है.
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पहले जानिए कौन सी वो 9 सीटें
महागठबंधन में पेंच फंसाने वाली 9 सीटों में सिमरी बख्तियारपुर, जाले, वैशाली, लालगंज, वारसलिगंज, नरकटियागंज, बहादुरपुर, बछवाड़ा और राजगीर शामिल है. माना जा रहा है कि जब तक इन सीटों पर बात नहीं बनती तब तक यह घमासान ऐसे ही जारी रहेगी.
राजद और वीआईपी में तकरार वाली सीट
मिली जानकारी के मुताबिक विकासशील इंसान पार्टी(VIP) प्रमुख मुकेश सहनी सिमरी बख्तियारपुर सीट चाहते है, क्योंकि पिछली बार उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्हें उस समय आरजेडी के युसुफ सलाउद्दीन से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं आरजेडी यह सीट अपने पास रखना चाहती है और उन्होंने अपनी सिटिंग विधायक यूसुफ सलाउद्दीन को इस बार सिंबल भी दे दिया है.
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राजद और कांग्रेस में इन सीटों को लेकर हैं रार
महागठबंधन के दो बड़े दल राजद और कांग्रेस में भी सीटों को लेकर रार जारी है. राजद जाले सीट पर अपना दावा ठोक रही है, जिसपर 2020 के चुनाव में कांग्रेस के डॉ. मशकूर अहमद उस्मानी उम्मीदवार थे. अब राजद यह सीट अपने पाले में लेकर ऋषि मिश्रा को देना चाहती है.
जाले के अलावा आरजेडी वैशाली सीट भी चाह रही है, जिसपर 2020 में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतारा था. 2020 में डी.के. शिवकुमार के करीबी और कांग्रेस नेता ई. संजीव सिंह इस सीट से चुनाव लड़े थे. अब आरजेडी अजय कुशवाहा के लिए वैशाली सीट चाहती है.
कांग्रेस की लालगंज सीट पर भी आरजेडी अपना दावा कर रही है. 2020 में लालगंज सीट पर कांग्रेस ने आदित्य कुमार राजा को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अब आरजेडी लालगंज सीट से मुन्ना शुक्ला की बेटी को टिकट देना चाहती है.
वारसलिगंज कांग्रेस की सीट है लेकिन अब आरजेडी इस सीट पर अपना प्रत्याशी लाना चाहती है. 2020 में वारसलिगंज कांग्रेस ने सतीश उर्फ मंटन सिंह को उम्मीदवार बनाया था. अब आरजेडी वारसलिगंज सीट अशोक महतो की पत्नी को उम्मीदवार बनाना चाहती है.
नरकटियागंज सीट पर कांग्रेस और आरजेडी के बीच जातीय समीकरण की लड़ाई चल रही है. इस सीट से आरजेडी यादव उम्मीदवार बनाना चाहती है लेकिन कांग्रेस नरकटियागंज सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार को उतारने पर अड़ी है. आपको बता दें कि 2020 में इस सीट पर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा था.
आरजेडी और सीपीआई के बीच बहादुरपुर सीट पर तकरार
बहादुरपुर सीट को लेकर भी राजद और सीपीआई में घमासान जारी है. आरजेडी ने भोला यादव को इस सीट से सिंबल दे दिया है, वहीं सीपीआई भी इस सीट से लड़ने पर अड़ी हुई है. इन दोनों के बीच कोई सटीक समीकरण फिलहाल नहीं दिख रहा है.
कांग्रेस और सीपीआई के बीच बछवाड़ा सीट पर तकरार
वहीं बछवाड़ा सीट पर तो अलग ही लड़ाई देखने को मिल रही है. बिना सीट शेयरिंग के सटीक फॉर्मूला के बाद बछवाड़ा सीट पर सीपीआई ने अवधेश राय को अपना प्रत्याशी बनाया तो वहीं कांग्रेस ने शिवप्रकाश गरीबदास का नामांकन कराया है. आपको बता दें कि 2020 में शिवप्रकाश निर्दलीय और अवधेश राय सीपीआई से लड़े थे.
कांग्रेस और माले के बीच राजगीर सीट पर तकरार
कांग्रेस और माले के बीच राजगीर सीट को लेकर घमासान मचा हुआ है. एक ओर माले ने अपनी औराई सीट छोड़कर राजगीर मांगी है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी राजगीर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. 2020 में कांग्रेस के रवि ज्योति कुमार लड़े और हारे थे.
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