बिहार चुनाव से पहले कन्हैया कुमार को कांग्रेस पार्टी ने दी बड़ी जिम्मेदारी

Kanhaiya Kumar News: बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को बड़ी जिम्मेदारी दी, राहुल गांधी की यात्रा से पहले देशभर में आंदोलन और रैली का ऐलान.

Kanhaiya Kumar Assigned Major Role by Congress for Bihar Elections
कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को दी बड़ी जिम्मेदारी(फाइल फोटो)

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Kanhaiya Kumar News: बिहार में आगामी चुनाव से पहले सियासी गलियारों में चर्चा तब तेज हो गई है जब आखिरकार कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को एक जिम्मेदारी सौंप दी. बिहार में 17 अगस्त से राहुल गांधी की यात्रा शुरू होने वाली है लेकिन इससे पहले ही युवा नेता कन्हैया कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस पूरे देश में अलग-अलग आंदोलन चलाएगी. कांग्रेस 14 अगस्त को SIR के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरुआत करने जा रही है.

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साथ ही 14 अगस्त की रात देश के सभी जिला मुख्यालय में मशाल जुलूस का आयोजन भी किया जाएगा. 22 अगस्त से 7 सितंबर तक सभी राज्य राजधानियों में 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली और 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा.

कुछ दिन पहले भी दिखे थे साथ

इससे पहले जब 11 अगस्त को मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया ब्लॉक के नेताओं को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था. इस डिनर में एक खास बात देखने को मिली. इस समय राहुल गांधी को उनकी गाड़ी से रिसीव करने कन्हैया कुमार पहुंचे थे जिसके बाद कई तरह की चर्चाएं उठी थी. इसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस केमिस्ट्री के पीछे कुछ तो खास बात है ही.

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कन्हैया और बिहार का कनेक्शन

कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को लेकर कहा जाता है कि कांग्रेस उन्हें बिहार में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. बदलाव के दौर से गुजर रही कांग्रेस पार्टी बिहार में इस बार जरूर अपने आधार को एक बार वापस पाना चाहेगी. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को कांग्रेस पार्टी कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.

कन्हैया कुमार को सुनने के लिए भीड़ भी जुटती है और सरकार को घेरने में कन्हैया कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं. वहीं पप्पू यादव आरजेडी पर हमलावर होते हैं. लिहाजा पप्पू यादव से ज्यादा राहुल गांधी के करीबी कन्हैया कुमार हो सकते हैं.

क्या है मुद्दा?

यह पूरा आंदोलन SIR(Special Intensive Revision) के खिलाफ होगा जिसके नेतृत्व की डोर कन्हैया कुमार के हाथ में सौंपी जाएंगी. कांग्रेस के साथ ही इंडिया गठबंधन के लोग इस यात्रा के दौरान मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी और चुनाव आयोग द्वारा किए गए पक्षपात के आरोप को मुद्दा बनाएंगे. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि बिहार में वोटरों के नाम हटाने की प्रक्रिया सोची-समझी है.

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