बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार को एक बार फिर जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. हाल ही में नालंदा के बाद अब सहरसा में स्वच्छता पर्यवेक्षकों और कर्मियों ने उनका जोरदार घेराव किया. विरोध इतना तीव्र था कि प्रदर्शनकारियों ने मंत्री की गाड़ी के आगे लेटकर अपना गुस्सा जाहिर किया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे प्रदर्शनकारी मंत्री की गाड़ी को रोककर सवाल पूछने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सुरक्षाकर्मी उन्हें हटाने की जद्दोजहद में लगे हैं. आइए विस्तार से जानते है पूरी कहानी.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल NDA के विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर पहुंचे राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार को जनता ने घेर लिया है. वहां मौजूद स्वच्छता पर्यवेक्षक और कर्मी अपनी मांगों को लेकर नाराज हैं. स्वच्छता कर्मी संघ का जिला अध्यक्ष विकास कुमार झा ने बताया कि 2022 में उन्हें संविदा कर्मी का दर्जा दिया गया था, लेकिन 2025 में जब उन्होंने संविदा कर्मियों वाली सुविधाओं की मांग उठाई, तो ग्रामीण विकास विभाग ने रातोंरात एक पत्र जारी कर उन्हें संविदा कर्मी की जगह मानव बल घोषित कर दिया.
इसके अलावा, जब मानदेय बढ़ाने की बात उठी, तो सरकार ने उन्हें 'अंशकालिक' बताकर कहा कि वे सिर्फ 2 घंटे काम करते हैं. इस पर विकास झा ने कहा कि जबकि उनसे सुबह 6 बजे से लेकर रात 7 बजे तक काम लिया जाता है, जिसमें सुबह की निगरानी, कचरा उठाना और अन्य स्वच्छता कार्य शामिल हैं.
सरकार पर लगाया आरोप
विकास झा ने सभी स्वच्छता पर्यवेक्षक और कर्मी की तरफ से आरोप लगाया कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है. उन्होंने बताया कि वे मंत्री से तीन महीने से लगातार मिल रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें "विचार किया जा रहा है" का जवाब मिलता है लेकिन अभी तक कोई विचार नहीं हुआ है.
क्या है स्वच्छता पर्यवेक्षकों की मांगे?
स्वच्छता कर्मियों के जिला अध्यक्ष विकास कुमार झा ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे सरकार का साथ नहीं देंगे. उनकी प्रमुख मांगों में उन्हें फिर से संविदा कर्मी का दर्जा देना, पर्यवेक्षकों का मानदेय बढ़ाकर ₹20,000 और स्वच्छता कर्मियों का मानदेय ₹10,000 करना शामिल है. इसके अलावा, वे सरकार द्वारा उन्हें अंशकालिक कहे जाने के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे हैं. विकास झा ने यह भी साफ तौर पर कहा कि अगर उनकी मांगों पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया, तो वे मुख्यमंत्री कार्यालय तक का घेराव करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
पहले नालंदा में लोगों ने खदेड़ा था
इससे पहले 27 अगस्त को मंत्री श्रवण कुमार और हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी उर्फ प्रेम मुखिया पर नालंदा में जानलेवा हमला हुआ था. हमला होने के बाद मंत्री जी और विधायक जी जैसे-तैसे करके 1 किमी तक भागे और फिर अपना जान बचाकर वहां से निकल गए. हालांकि इस हमले में मंत्री जी का एक बॉडीगार्ड घायल हो गया है.(यहां पढ़ें पूरी खबर)
यहां देखें घटना का पूरा वीडियो
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