क्या NDA से अलग होकर 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान? सामने आई बड़ी जानकारी

Bihar Elections 2025: चिराग पासवान के NDA से अलग होने की अटकलों पर आया बयान— कहा, जब तक मोदी जी हैं, गठबंधन तोड़ने का सवाल ही नहीं. जानें पूरी कहानी.

Chirag Paswan responds to NDA exit rumours ahead of Bihar elections 2025
चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होने की बात पर तोड़ी चुप्पी

NewsTak

15 Aug 2025 (अपडेटेड: 15 Aug 2025, 01:01 PM)

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बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले है. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है. ऐसे में आसार लगाए जा रहे हैं कि इस साल छठ पूजा के आस-पास चुनाव हो सकते है. इसी कड़ी में सियासी गलियारों में चर्चाएं तब तेज हो गई जब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान के NDA से अलग होने की खबरें सामने आई. बस इसके बाद ही कई तरह की बातें सामने आने लगी. लेकिन इस बात पर खुद चिराग पासवान से अपनी सफाई दी है. आइए समझते है आखिर क्या है पूरा मामला?

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पहले जानिए पूरा मामला

बीते कल यानी 14 अगस्त को शाम के समय एक बात सामने आई कि चिराग पासवान से एनडीए का साथ छोड़, अकेले ही 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. दरअसल एक चैनल को दिए इंटरव्यू के बाद इस बात की हवा उड़ने लगी. बस फिर क्या था राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई और कई तरह के कयास लगाए जाने लगे.

चिराग ने दी सफाई

जब इस मामला ने तूल पकड़ा तब चिराग पासवान कहीं बाहर थे. रात को उन्होंने पटना पहुंच कर इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि 'मेरे दिए बयान को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है. जब तक मेरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है तब तक चिराग पासवान का गठबंधन से अलग होना ये सोच तक मेरे जहन में आना संभव नहीं है.'

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चिराग पासवान ने विपक्ष पर भी साधा निशाना

चिराग पासावान ने इस मुद्दे पर विपक्ष को भी आड़े हाथ लेते हुए निशाना साधा. चिराग ने कहा कि, 'मैं ये मानता हूं की हमारे गठबंधन की मजबूती विपक्षी दलों को परेशान करती है. कांग्रेस राजद जैसे कई ऐसे दल है जो निरंतरता में इस प्रयास में है की किसी भी तरीके से 2020 वाली परिस्थिति पुनः बन जाए और NDA से चिराग पासवान अलग हो जाए ताकि उनकी राह आसान हो जाए. क्योंकि विपक्ष ये जानता है मानता है की जब तक एनडीए एकजुट है तब तक बिहार में विपक्ष का आना कतई संभव नहीं है और इसीलिए वो हर संभव प्रयास करते हैं.' 

आखिर क्यों उठती है ऐसी बात?

दरअसल इन चर्चाओं के तेज होने का कारण भी चिराग पासवान द्वारा पिछले महीने दिए गया एक बयान ही है. 6 जुलाई को चिराग पासवान ने एक बयान दिया था कि उन्हें दुख है कि वे ऐसे सरकार के साथ है जहां कानून व्यवस्था इतना चरामराई हुई हो. बस इसके बाद उन्होंने कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

इसी महीने 8 अगस्त को सीतामढ़ी के पुनौराधाम में माता सीता मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में मित शाह और नीतीश की मौजूदगी में चिराग सीतामढ़ी में मौजूद होने के बावजूद भी साथ नजर नहीं आए. हालांकि चिराग ने मौसम की वजह से लेट पहुंचते हुए इसे विपक्ष का मुद्दा करार दिया था.

यहां देखें चिराग पासवान की सफाई

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