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बिहार में जब से SIR(Special Intensive Revision) की प्रक्रिया शुरू हुई है इसे लेकर विरोध लगातार जारी है. विपक्ष इसे लेकर बिहार सरकार और चुनाव आयोग पर अलग-अलग तरीके से निशाना भी साध रहा है. हालांकि 1 अगस्त को SIR का पहला ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के बाद इस प्रक्रिया में कई खामियां भी सामने आई थी. इसी को लेकर आज लगातार तीसरे दिन भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच में ये सुनवाई चली.
आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम कदम उठाया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश देते हुए कहा कि वोटर लिस्ट से काटे गए 65 लाख मतदाताओं का ब्यौरा 19 अगस्त तक वेबसाइट पर डालकर सार्वजनिक करें. साथ ही उनके नाम किस वजह से हटाए गए( मृत्यु, प्रवास या दोहराव) इसकी भी पूरी जानकारी दे. आइए विस्तार से जानते हैं सुप्रीम कोर्ट में क्या-कुछ निर्देश दिए.
कटे नाम की सूची भी प्रदर्शित करें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बूथ स्तर के अधिकारी भी हटाए गए मतदाताओं की सूची प्रदर्शित करेंगे. साथ ही राज्य के चुनाव अधिकारियों को भी सूची की सॉफ्ट कॉपी दी जाए. आयोग हरेक डीईओ और बीएलओ को इस निर्देश के बारे में सूचित करें. जिला निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर पर हटाए गए वोटरों की बूथवार सूची को भी लगाया जाना सुनिश्चित करें.
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सभी नाम वेबसाइट पर डालें
SC ने सुनवाई के दौरान मृत्यु प्राप्त, स्थानांतरित और एक से ज्यादा जगहों पर दर्ज मतदाताओं के नाम सार्वजनिक करने पर सवाल उठाए. जस्टिस सूर्यकांत ने चुनाव आयोग से पूछा, 'अगर 22 लाख लोगों को मृत पाया गया है, तो उनके नाम ब्लॉक और सब-डिवीजन स्तर पर क्यों न बताए जाएं. आयोग ने वोटरों की निजता का हवाला देते हुए ऐसा करने के पीछे दिक्कत बताई है. बहरहाल, कोर्ट ने पक्षकारों से कहा कि वो मंगलवार शाम तक एक पन्ने पर अपनी बातें बिंदुवार लिखकर कोर्ट को दे दें.
पॉइंट्स में समझिए पूरी बात
1) सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं का विवरण कारण सहित प्रकाशित करने का निर्देश दिया.
2) सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को अखबारों, रेडियो और टीवी मीडिया के माध्यम से हटाए गए मतदाताओं की सूची का व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया.
3) बिहार में ड्राफ्ट मतदाता सूची से नाम हटाए जाने से पीड़ित लोग आधार कार्ड के साथ दावा प्रस्तुत कर सकते हैं.
4) सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा कि मंगलवार तक बताए वह पारदर्शिता लाने के लिए क्या कदम उठाने जा रहा है. अब इस मामले में अगली सुनवाई आने वाले शुक्रवार(22 अगस्त) को दोपहर 2 बजे होगी.
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