मनीष वर्मा की हो सकती है बिहार कैबिनेट में एंट्री, जानिए कैसे ये IAS अधिकारी बन गया नीतीश का खास?

Bihar Politics: सूत्रों की मानें तो दशहरा के बाद बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. कैबिनेट विस्तार में भूमिहार, यादव, राजपूत और कुशवाहा को मिल सकता है मौका. वहीं, नीतीश कुमार के करीबी पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को भी मंत्री बनाया जा सकता है. 

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बिहार में नितीश कुमार के करीबी मनीष वर्मा की हो सकती है राजनीति में एंट्री.

इन्द्र मोहन

• 04:45 PM • 09 Sep 2024

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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बिहार कैबिनेट के विस्तार की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है.

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इस कैबिनेट विस्तार में भूमिहार, यादव, राजपूत और कुशवाहा को मिल सकता है मौका.

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नीतीश कुमार के करीबी पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को भी मंत्री बनाया जा सकता है. 

Bihar Politics: बिहार कैबिनेट के विस्तार की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है. हालांकि बिहार में विधानसभा चुनाव नवंबर 2025 में हो सकते हैं. उससे पहले जातियों को साधने की कवायद के तौर पर इसे देखा जा रहा है. सूत्रों की मानें तो दशहरा के बाद बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. इस कैबिनेट विस्तार में भूमिहार, यादव, राजपूत और कुशवाहा को मिल सकता है मौका. वहीं, नीतीश कुमार के करीबी पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को भी मंत्री बनाया जा सकता है. 

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मनीष वर्मा को नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है. पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा पिछले कई सालों से नीतीश कुमार के साथ साए की तरह नजर आ रहे थे. 9 जुलाई को मनीष वर्मा ने जेडीयू की सदस्यता ली. जेडीयू की संगठनात्मक गतिविधियों में पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से मनीष वर्मा लगे हुए थे. जेडीयू में ज्वाइन करने के एक महीने के बाद ही मनीष वर्मा को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. 

कौन हैं मनीष वर्मा?

- मनीष वर्मा नीतीश कुमार के गृहजिले नालंदा के रहने वाले हैं और नीतीश कुमार की जाती से ही हैं.
- मनीष वर्मा 2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं... 12 साल तक कई जिलों के जिलाधिकारी रहे.
- 2012 में पिता की बीमारी का हवाल देकर प्रतिनियुक्ति पर बिहार आए... पटना और पूर्णिया के डीएम भी रहे... 
- समाज कल्याण विभाग और बिजली कंपनियों में अधिकारी के तौर पर काम किया.
- मनीष वर्मा सीएम नीतीश कुमार के सचिव भी रहे हैं.
- प्रतिनियुक्ति की अवधि समाप्त होने के बाद ओडिशा लौटे नहीं और 2021 में प्रशासनिक सेवा से वीआरएस ले लिया.
- सीएम नीतीश ने मनीष को अपने साथ बनाए रखने के लिए अतिरिक्त परामर्शी का पद सृजित किया.
- जेडीयू में शामिल होने से पहले तक वह इस पद पर कार्यरत रहे.

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एक और नौकरशाह की राजनीति में एंट्री

मनीष वर्मा जेडीयू में शामिल होने वाले सातवें नौकरशाह हैं. इससे पहले एनके सिंह, पवन वर्मा, आरसीपी सिंह, केपी रमैया, गुप्तेश्वर पांडेय और सुनील कुमार रहे हैं. अब चर्चा इस बात की तेज हो गई है की अगले कैबिनेट विस्तार में मनीष वर्मा को जगह दी जा सकती है. बता दें की बिहार कैबिनेट में नीतीश कुमार समेत अभी 30 सदस्य हैं. बिहार मंत्रिपरिषद की अधिकतम सीमा 36 है. यानी की अभी भी 6 और मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. 28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर इस्तीफा दिया और उसी शाम को एनडीए के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली और पहला कैबिनेट विस्तार 15 मार्च को हुआ.

बिहार सरकार में अभी बीजेपी कोटे से 15 मंत्री हैं, जेडीयू के कोटे से 13 मंत्री, हम के कोटे से एक और निर्दलीय विधायक को मंत्री बने थे. ऐसे में अब चर्चा तेज है की दशहरा के आसपास कैबिनेट विस्तार कर नई जातीय संरचना को साधने की कोशिश की जाएगी और तो और नीतीश अपने विश्वासी मनीष वर्मा को भी मंत्री बना सकते हैं.

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