अगर आप भी 7-7.5% ब्याज वाली फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को बेहतर निवेश मानकर अपनी कमाई को उसमें लगा रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. महंगाई दर भी 7.5% (अगले 10 साल तक औसतन अनुमानित), यानी आपका FD से मिलने वाला रिटर्न असल में शून्य है. आपका पैसा तो सुरक्षित रहेगा, लेकिन उसकी खरीदने की ताकत (Purchasing Power) धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी.
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यही नहीं यदि आपकी इनकम टैक्सेबल है और एफडी से ब्याज मिल रहा है तो आपका को टैक्स भी चुकाना पड़ सकता है. यानी रिटर्न जीरो ही नहीं बल्कि माइनस में हो सकता है. ऐसा होता दिखेगा नहीं पर महंगाई दर से तुलना करते ही आपको वास्तविकता का पता चल जाएगा.
चार्टर्ड अकाउंटेंट और निवेश सलाहकार सीए नितिन कौशिक कहते हैं, “FD का रिटर्न जब महंगाई के बराबर हो, तो रियल रिटर्न जीरो होता है. इसमें टैक्स जोड़ दीजिए, तो असल में आपका पैसा धीरे-धीरे घटने लगता है.” Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको FD पर मिलने वाले ब्याज और महंगाई दर से तुलना करके बता रहे हैं. साथ SIP से FD की तुलना करके ये भी बता रहे हैं कि कौन सा निवेश आपके लिए मुफीद है.
महंगाई दर 7.5% कैसे?
वर्तमान में महंगाई दर 4 फीसदी के करीब है. चूंकि अगले 10 सालों का एक औसत महंगाई दर बताया जा रहा है जिसमें शिक्षा और मेडिकल के वर्तमान महंगाई को शामिल करके अनुमान के आधार पर इसे 7.5 फीसदी कहा जा रहा है. चूंकि महंगाई दर में ऐसी कई चीजें शामिल नहीं होतीं जिनका मिडिल क्लास पर सीधा असर पड़ता है.
FD में निवेश सुरक्षित पर टैक्स का झटका भी
FD से मिलने वाला ब्याज आपकी टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्सेबल होता है. अगर आप 30% स्लैब में हैं, तो 7.5% ब्याज का असली फायदा आपको नहीं मिलता. जबकि SIP में एक साल से ज्यादा निवेश पर ₹1 लाख तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता, और उसके बाद भी सिर्फ 10% टैक्स देना होता है.
FD का रिटर्न जीरो या माइनस में कैसे होगा?
अब सवाल ये है कि एफडी पर रिटर्न जीरो या माइनस कैसे होगा? इस पूरे मसले को हम सतीश की कहानी से समझते हैं. सतीश एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं. उनकी इनकम टैक्सेबल है. इधर उन्होंने अपने सेविंग्स के 10 लाख रुपए की एफडी 5 साल के लिए कर दी. प्लान ये है कि पैसों की जरूरत नहीं पड़ी तो वो इस अमाउंट को 5 साल के लिए आगे बढ़ा देंगे.
- सतीश ने ₹10 लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में लगाए.
- ब्याज दर: 7% सालाना करीब (साधारण नहीं, कंपाउंडिंग के हिसाब से).
- अवधि: 5 साल
- महंगाई दर: औसतन 7% सालाना.
- 5 साल बाद सतीश को FD से मिलेगा = ₹14,02,550.
- सतीश को FD से ₹4,02,550 का ब्याज मिला.
- सवाल उठता है- 5 साल बाद ₹14 लाख की वैल्यू क्या होगी?
- अगर महंगाई हर साल औसतन 7% के आसपास रही, तो...
- 5 साल बाद जो चीज आज ₹10 लाख में मिल रही है, उसकी कीमत ₹14,02,550 रुपए होगी.
- यानी FD से जो पैसा मिला, उसी दौरान चीज़ों की कीमत भी उतनी ही बढ़ गई.
सरल भाषा में समझिए
- सतीश ने 2025 में ₹10 लाख जमा किए, और 2030 में उसे ₹14 लाख मिले.
- लेकिन 2030 में ₹14 लाख की वैल्यू वही होगी जो 2025 में ₹10 लाख की थी.
- मतलब: सतीश का पैसा सिर्फ नाम के लिए बढ़ा, असल में उसकी खरीदने की ताकत वही की वही रही.
- अब सवाल ये है कि सतीश करें भी क्या?
- तो क्या उन्हें SIP का रुख करना चाहिए, महंगाई दर को बीट करके रिटर्न देता है?
SIP में कम निवेश से भी बड़ा ग्रोथ संभव
- SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में आप सिर्फ ₹500 महीने से भी शुरुआत कर सकते हैं.
- SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश करता है, जो बाजार से जुड़े होते हैं.
- इतिहास गवाह है कि अच्छे इक्विटी फंड्स ने 10-12% सालाना औसत रिटर्न दिया है.
“लंबे समय तक रेगुलर निवेश करने पर SIP का कंपाउंडिंग असर जबरदस्त होता है,” कौशिक कहते हैं. “कम राशि से शुरू करके भी बड़ी वेल्थ बनाई जा सकती है.”
निष्कर्ष:
FD सुरक्षित जरूर है, लेकिन जब महंगाई भी उसी रफ्तार से बढ़ रही हो, तो आपका पैसा असली ग्रोथ नहीं करता. इसके उलट, SIP जैसे निवेश महंगाई से ऊपर का रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं.
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